सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

सितंबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

अली बहादुर प्रथम का बाजीराव मस्तानी से सम्बन्ध

पेशवा परिवार ने बालाजी विश्वनाथ के बाद अली बहादुर तक ने लगातार मराठा साम्राज्य के विस्तार और सेवा में कोई कमी नहीं रखी। इस परिवार ने कई वीर योद्धाओं को जन्म दिया जिनमें पेशवा बाजीराव, नाना साहेब, शमशेर बहादुर, अली बहादुर प्रथम आदि का नाम मुख्य था। इन सभी ने हिंदुत्व की रक्षा और मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए लेकिन कभी भी पीछे नहीं हटे। अली बहादुर प्रथम का इतिहास (Ali Bahadur Peshwa History In Hindi) पूरा नाम- अली बहादुर राव प्रथम। पिता का नाम- शमशेर बहादुर प्रथम । माता का नाम- मेहराम बाई। दादा का नाम- बाजीराव पेशवा । दादी का नाम- मस्तानी बाई । जन्म- 1758 ईस्वी। मृत्यु- 1802 ईस्वी। पत्नी ( Ali Bahadur wife)-अज्ञात। संताने- शमशेर बहादुर II पद – बांदा और कालपी के जागीरदार। पेशवा परिवार शुरू से ही मराठा साम्राज्य की रक्षा और आन, बान, शान के लड़ता रहा। इसी पेशवा परिवार में सन 1758 ईस्वी में अली बहादुर का जन्म हुआ। अली बहादुर के पिता का नाम शमशेर बहादुर था जो कि बाजीराव मस्तानी के पुत्र थे। अली बहादुर बाजीराव मस्तानी के पौत्र थे। मात्र 3 वर्ष की आयु में इनके सर ...

शमशेर बहादुर प्रथम- बाजीराव मस्तानी का पुत्र

शमशेर बहादुर का इतिहास (Shamsher Bahadur History) पूरा नाम- शमशेर बहादुर उर्फ कृष्णा राव। जन्म- सन 1734 स्थान- शनिवार वाड़ा पुणे। मृत्यु- 14 जनवरी 1761, पानीपत में। पत्नी का नाम- मेहरम बाई। पिता का नाम- बाजीराव पेशवा प्रथम । माता का नाम- मस्तानी बाई । संतान- अली बहादुर प्रथम। 1734 ईस्वी में शमशेर बहादुर के जन्म से लेकर 1740 तक बाजीराव पेशवा और मस्तानी की मृत्यु तक इन्होंने अपनी माता और स्वयं का विद्रोह होते हुए देखा था। इनकी आंखों के सामने इनकी माता मस्तानी को बंदी बनाया गया लेकिन फिर भी मराठों के लिए यह आजीवन लड़े और साम्राज्य की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। सन 1740 ईसवी की बात है जब शमशेर बहादुर प्रथम की आयु मात्र 6 वर्ष थी। इनके पिता बाजीराव पेशवा युद्ध में घायल होने के बाद बीमार पड़ गए और तेज बुखार के चलते नर्मदा के किनारे उन्होंने दम तोड़ दिया। यह खबर सुनकर इनके माता मस्तानी भी ज्यादा समय तक जिंदा नहीं रह सकी और बाजीराव पेशवा की मृत्यु के कुछ समय पश्चात ही इनकी माता का भी देहांत हो गया। शमशेर बहादुर उर्फ कृष्ण राव को कई बार मारने की कोशिश की गई और तरह-तरह की यातना...

राधाबाई का इतिहास और जीवन परिचय

राधाबाई (Radhabai barve) प्रथम पेशवा बालाजी विश्वनाथ की पत्नी थी। इन्होंने बाजीराव पेशवा प्रथम जैसे वीर पुत्र को जन्म दिया जो आगे चलकर मराठा साम्राज्य में पेशवा बने। राधाबाई (Radhabai Barve History In Hindi) पूरा नाम- राधाबाई बर्वे। पिता का नाम- डूबेरकर अंताजी मल्हार बर्वे। पति का नाम- बाजीराव बालाजी विश्वनाथ । संतानें- बाजीराव प्रथम , चिमाजी अप्पा , अनुबाई और भीऊबाई। मृत्यु – 20 मार्च 1753 . त्याग, दृढ़ता, कार्यकुशलता, उदारता के साथ साथ व्यवहार कुशलता जैसे अभूतपूर्व गुण राधाबाई में मौजूद थे। इनके पुत्र बाजीराव पेशवा को यह प्रेरित भी करती थी और कई कार्यों में मदद भी करती थी। बाजीराव और मस्तानी को लेकर शुरू से ही इन्होंने विरोध किया। ताराबाई चाहती थी कि पेशवा परिवार की इज्जत भी बनी रहे और परिवार में फूट भी ना पड़े। बाजीराव पेशवा की द्वितीय पत्नी मस्तानी की माता मुस्लिम थी और मस्तानी भी मुस्लिम धर्म को मानती थी, इसलिए पेशवा परिवार उन्हें स्वीकार नहीं करना चाहता था। मस्तानी के विरोध में खुद राधाबाई, बाजीराव पेशवा के छोटे भाई चिमाजी अप्पा और बाजीराव पेशवा के पुत्र नानासाहेब मुख्य थे। ...

काशीबाई का इतिहास और जीवन परिचय

काशीबाई बाजीराव पेशवा की पहली पत्नी थी। मराठा साम्राज्य के चौथे छत्रपति शाहूजी महाराज के समय बाजीराव पेशवा बने थे। काशीबाई और बाजीराव के 4 पुत्र थे जिनमें बालाजी बाजीराव और रघुनाथराव का नाम शामिल है। काशीबाई का इतिहास (Kashibai History In Hindi) जन्म- 1703 ईस्वी में पुणे में हुआ था। पिता का नाम- महादजी कृष्ण जोशी। माता का नाम- शिऊ बाई। भाई- कृष्ण राव छासकर। मृत्यु- 27 नवंबर 1758 ईस्वी में सातारा नामक स्थान पर हुई। पति का नाम- बाजीराव पेशवा प्रथम । संताने- बालाजी बाजीराव,रामचंद्र, रघुनाथ राव, और जनार्दन। पौत्र- माधवराव प्रथम, विश्वास राव, अमृतराव, नारायण राव और बाजीराव द्वितीय। बुंदेलखंड के राजा छत्रसाल की पुत्री मस्तानी काशीबाई की सौतन थी। काशीबाई ने मस्तानी को पेशवा बाजीराव की पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया था। कुछ इतिहासकार बताते हैं कि काशीबाई को “गठिया” नामक रोग हो गया था जिसकी वजह से उनके जोड़ों में बहुत दर्द रहता था। काशीबाई के पिता बहुत धनवान थे। इनके एक भाई भी था जिसका नाम कृष्ण राव छासकर था। एक सामाजिक समारोह में इन्होंने बाजीराव के साथ विवाह किया था। सासवाड़ नामक...

चिमाजी अप्पा का इतिहास (History Of Chimaji Appa)

श्रीमंत चिमाजी अप्पा बल्लाल भट्ट (Chimaji Appa) बाजीराव पेशवा के छोटे भाई थे। जब पश्चिमी तट पर पुर्तगालियों ने अधिकार जमा लिया था तब चिमाजी अप्पा के नेतृत्व में ही यह क्षेत्र मुक्त हुआ था। इनके जीवन का सबसे बड़ा युद्ध वसई में लड़ा था और इस युद्ध में इनकी जीत हुई। चिमाजी अप्पा का इतिहास (Chimaji Appa History In Hindi) पूरा नाम- श्रीमंत चिमाजी अप्पा बल्लाल भट्ट। जन्म- 1707 ईस्वी में। मृत्यु- 1740 ईस्वी में। चिमाजी अप्पा के पिता का नाम- बालाजी विश्वनाथ । माता का नाम- राधाबाई। पद- पेशवा। पत्नी का नाम- रकमा बाई। बच्चे- सदाशिव राव भाऊ। प्रथम पेशवा बालाजी विश्वनाथ के पुत्र होने के साथ-साथ भारत के महान सम्राटों में से एक बाजीराव पेशवा के छोटे भाई चिमाजी अप्पा को बचपन से ही युद्ध की कलाएं सीखने का मौका मिला। इतना ही नहीं यह अपने बड़े भाई बाजीराव पेशवा प्रथम के छोटे से लेकर बड़े कार्यों में मदद करते थे। जहां पर बाजीराव नहीं पहुंच सकते थे वहां पर सेना की एक टुकड़ी का नेतृत्वकर्ता बनाकर चिमाजी अप्पा को भेजा जाता था। मराठी साम्राज्य के साथ-साथ हिंदुत्व की रक्षा और भारतवर्ष की सुरक्षा हेतु यह सदैव...

महाराजा छत्रसाल का इतिहास और जीवन परिचय

महाराजा छत्रसाल ने औरंगजेब को पराजित करके बुंदेलखंड पर अधिकार किया था। इस जीत के बाद इन्हें “महाराजा” की उपाधि मिली है। इन्होंने अपना जीवन मुगलों से संघर्ष करते हुए और बुंदेलखंड को बचाने हेतु न्योछावर कर दिया। महाराजा छत्रसाल का जीवन परिचय (Maharaja Chhatrasal History In Hindi) पूरा नाम- बुंदेल केसरी महाराजा छत्रसाल बुंदेला। छत्रसाल का जन्म कब हुआ- 4 मई 1649 को हुआ। छत्रसाल की मृत्यु कब हुई- 20 दिसंबर 1731 को हुई। महाराजा छत्रसाल के पिता का नाम क्या था- चंपत राय बुंदेला। माता का नाम- लाल कुंवर। पत्नियां- देव कुंवरी और रूहानी बाई। पुत्री का नाम- मस्तानी । महाराजा छत्रसाल के घोड़े का नाम- महाराजा छत्रसाल के घोड़े का नाम “भलेभाई”  था। बुंदेल केसरी महाराजा छत्रसाल इतिहास से लगभग गायब ही कर दिया गया है किसी भी तरह की किताबों में इनके नाम का उल्लेख नहीं है। जबकि इनका योगदान अद्वितीय था यह एक राजा होने के साथ-साथ एक अच्छे लेखक भी थे। महाराजा छत्रसाल ने अपने 44 साल के राज्यकाल में लगभग 52 युद्ध लड़े। बुन्देल केसरी महाराजा छत्रसाल का जन्म टीकमगढ़ जिले के लिघोरा विकासखंड ...

बाजीराव मस्तानी की प्रेम कहानी और इतिहास

बाजीराव मस्तानी की प्रेम कहानी इतिहास में हमेशा अमर रहेगी। मस्तानी बहुत सुंदर और तेज स्वभाव वाली थी। इनके पिता बुंदेलखंड के राजा छत्रसाल थे जो कि एक हिंदू राजा थे जबकि इनकी माता मुस्लिम महिला थी जिसका नाम रूहानी था। इनकी प्रेम कहानी में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले। बाजीराव पेशवा इनको अपनी पत्नी मानते थे लेकिन परिवार और समाज की ओर से इन्हें कभी पत्नी का दर्जा नहीं मिल पाया। बाजीराव मस्तानी का इतिहास (Bajirao Mastani History In Hindi) ये बुंदेलखंड के सम्राट छत्रसाल की बेटी थी। इनकी माता का नाम रूहानी था। इनकी माता नृत्य करने वाले परिवार से संबंध रखती थी जोकि मूलतया अफगान मुल्क की थी। गुजरात में प्रचलित लोक नृत्य में आज भी मस्तानी का जिक्र देखने को मिलता है। गुजरात के पारंपरिक नृत्य में इन्हें “यवन कांचनी” के नाम से भी जाना जाता है। मस्तानी अपने समय में अद्वितीय सुंदरता की धनी के साथ-साथ संगीत प्रेमी थी। घुड़सवारी और धनुष विद्या में इन्होंने विशेष शिक्षा प्राप्त कर रखी थी। इसके अलावा मस्तानी की अन्य विशेषताओं की बात की जाए तो वह सुंदरता के साथ साथ वह चतुर और बुद्धिमान भी थी। इन...

बाजीराव पेशवा प्रथम का इतिहास और जीवन परिचय

बाजीराव पेशवा प्रथम (Bajirao Peshwa) को सभी 9 पेशवाओं में सर्वश्रेष्ठ माना जाता हैं। प्रथम पेशवा बालाजी विश्वनाथ के पुत्र थे बाजीराव प्रथम। पेशवा का मतलब होता है प्रधानमंत्री। मराठा साम्राज्य के चौथे छत्रपति रहे साहूजी महाराज के समय यह पेशवा रहे। बाजीराव पेशवा प्रथम का जीवन परिचय या बाजीराव प्रथम की जीवनी (Bajirao Peshwa History In Hindi) बाजीराव पेशवा प्रथम का इतिहास सबसे अलग, मराठा और हिंदू साम्राज्य के लिए कुछ करने की ललक और छत्रपति शिवाजी महाराज की जिसमें देखने को मिलती थी झलक, ऐसे थे बाजीराव प्रथम पेशवा। बाजीराव के पिता बालाजी विश्वनाथ की मृत्यु के पश्चात छत्रपति शाहूजी महाराज ने इन्हें मराठा साम्राज्य का द्वितीय पेशवा नियुक्त किया। बाजीराव पेशवा प्रथम का पूरा नाम – पंतप्रधान श्रीमंत पेशवा बाजीराव बल्लाल बालाजी भट्ट। बाजीराव प्रथम कौन था- प्रथम पेशवा बालाजी विश्वनाथ के पुत्र थे। बाजीराव पेशवा प्रथम का जन्म कब हुआ – 18 अगस्त 1700 में इनका जन्म हुआ था। श्रीवर्धन नामक स्थान पर। बाजीराव प्रथम की मृत्यु – 28 अप्रैल 1740 में। खरगोन में हुआ था। बाजीराव प्रथम के पि...

प्रथम पेशवा बालाजी विश्वनाथ का इतिहास और जीवन परिचय

प्रथम पेशवा बालाजी विश्वनाथ का जन्म एक बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था। “कर”(Tax) के बारे में अच्छी जानकारी होने की वजह से इन्हें वित्तीय सलाहकार (राजस्व विभाग का मुखिया) भी बनाया गया। कोंकण के “चित्तपावन वंश” से संबंध रखने वाले बालाजी विश्वनाथ ब्राह्मण परिवार से संबंध रखते थे। यह अपनी तीव्र बुद्धि और अनुपम प्रतिभा की वजह से बहुत प्रसिद्ध थे। इस लेख में हम प्रथम पेशवा बालाजी विश्वनाथ की जीवनी पढ़ेंगे। पेशवा बालाजी विश्वनाथ का जीवन परिचय (Peshwa Balaji Vishwanath Bhat History) पूरा नाम- पेशवा बालाजी विश्वनाथ। अन्य नाम- बालाजी विश्वनाथ भट्ट। जन्म- 1662 ईस्वी। जन्म स्थान- श्रीवर्धन नामक स्थान पर, महाराष्ट्र। मृत्यु दिनांक और स्थान- 2 अप्रैल 1720 सास्वड, महाराष्ट्र। पिता का नाम- विश्वनाथ विसाजी भट्ट (देशमुख)। पत्नी का नाम- राधाबाई। पुत्र- बाजीराव प्रथम। उपाधि- प्रथम पेशवा। धर्म – हिंदू (सनातनी)। वंश और भाषा- मराठा वंश और मराठी भाषा। निर्धन परिवार में जन्म लेने वाले Peshwa Balaji Vishwanath बचपन से ही दूरदर्शी प्रवृति के व्यक्ति थे। ये चतुर और तेज़ दि...