मौर्य साम्राज्य के पतन के 10 बड़े कारण

मौर्य साम्राज्य के पतन के कारणों के बारे में जानना बहुत जरूरी है। मौर्य साम्राज्य भारतवर्ष के सबसे विशालतम साम्राज्यों में से एक था। कौटिल्य के दिशा निर्देशों के अनुसार चंद्रगुप्त मौर्य ने इसकी नींव रखी थी। 232 ईसा पूर्व में सम्राट अशोक की मृत्यु के पश्चात मौर्य साम्राज्य का पतन शुरू हो गया।

मौर्य साम्राज्य के पतन के कारणों पर नजर डाली जाए या फिर किसी भी साम्राज्य के पतन के कारणों का विश्लेषण किया जाए तो, सबसे मुख्य कारण उसके अयोग्य राजा या उत्तराधिकारी होते हैं। मौर्य साम्राज्य या मौर्य राजवंश के अंतिम राजा बृहद्रथ को उसके सेनापति “पुष्यमित्र शुंग” ने धोखे से मौत के घाट उतार दिया था, यहीं पर मौर्य साम्राज्य का अंत हो गया।

मौर्य साम्राज्य में सम्राट अशोक एक ऐसे महान राजा हुए थे जिन्होंने इस साम्राज्य को कई गुना बढ़ा दिया था। उनके अंतिम दिनों से ही इस साम्राज्य के पतन की शुरुआत हुई थी, और सम्राट अशोक के मृत्यु के पश्चात यह साम्राज्य बहुत तेज गति के साथ टूट गया।

मौर्य साम्राज्य के पतन के कारण निम्नलिखित है-

1. सम्राट अशोक के बाद कमजोर उत्तराधिकारी: –

मौर्य साम्राज्य की स्थापना करने वाले चंद्रगुप्त मौर्य से लेकर मौर्य साम्राज्य के तीसरे और मौर्य साम्राज्य के सबसे महान राजा सम्राट अशोक के बाद इस साम्राज्य में कोई भी ऐसा उत्तराधिकारी राजा नहीं मिला जो इस विशाल साम्राज्य को आगे ले जा सके और इसकी सभी व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से जारी रख सकें।
विभिन्न धर्मों के ग्रंथों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सम्राट अशोक के बाद उसके पुत्रों और पौत्रों के बारे में कोई भी स्पष्ट जानकारी नहीं मिलती है, जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि वह योग्य नहीं थे, इस तरह “मौर्य साम्राज्य का पतन” होने लग गया था।

2. सुधारों के नाम पर ब्राह्मणों को आघात: –

सम्राट अशोक खुले विचारों वाले थे। वह अंधविश्वास मिटाना चाहता था और राज्य में शिक्षा का विस्तार करना चाहता था।सम्राट अशोक को ब्राह्मणों का मित्र माना जाता है लेकिन अशोक की मृत्यु के पश्चात ब्राह्मण मौर्य साम्राज्य के खिलाफ हो गए। धीरे धीरे “मौर्य साम्राज्य का पतन”  होने लग गया।

3. विशाल साम्राज्य: –

विशाल साम्राज्य को संभालने के लिए दूरदर्शी और मजबूत राजा की जरूरत होती है, जो सम्राट अशोक के बाद मौर्य साम्राज्य के पास नहीं था। दूर-दूर फैले प्रांतों में तैनात अधिकारी अपने आप को स्वतंत्र शासक मानने लग गए।उचित समय पर इन सरकारी अधिकारियों तक राजा की पहुंच नहीं होने की वजह से विशाल “मौर्य साम्राज्य का पतन” होने लग गया।

4. सेना पर खर्च:-

सम्राट अशोक के समय मौर्य साम्राज्य में सेना और नौकरशाही पर राज्य की कुल आय का बहुत बड़ा हिस्सा खर्च किया जाता था। इसके अलावा कहते हैं कि सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म की शरण ली थी, इसी वजह से उन्होंने बौद्ध भिक्षुओं को बड़ी मात्रा में राशि अनुदान के रूप में भेंट की। इसी वजह से उसके साम्राज्य का खजाना खाली हो गया और सम्राट अशोक के अंतिम दिनों में मौर्य साम्राज्य को भारी वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा था। मौर्य साम्राज्य के पतन के कारणों में यह भी एक हैं।

5. प्रांतीय शासकों की नीति –

मौर्य साम्राज्य क्योंकि बहुत विशाल था इसलिए सभी प्रांतों में नियमित समय अंतराल पर राजा का पहुंचना असंभव था। प्रत्येक प्रांत को अधिकारियों में बाटा गया था, लेकिन धीरे-धीरे प्रांतीय शासक अत्याचार और उत्पीड़न करने लग गए। जिसका आमजन में विद्रोह हुआ, धीरे-धीरे यह विद्रोह विशाल मौर्य साम्राज्य के पतन का कारण बना।

6. सम्राट अशोक की अहिंसावादी नीति:-

सम्राट अशोक के बारे में कहा जाता है कि जिन भी राजाओं के साथ उनके युद्ध होते थे, युद्ध के पश्चात वह जाकर उनसे माफी मांगता था। धीरे-धीरे सम्राट अशोक ने युद्ध का त्याग कर दिया और उदारता, दया और सहिष्णुता के साथ शासन करने लगा।
सैन्य शक्ति पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया, राज्य की आय का बहुत बड़ा हिस्सा लोक कल्याण में खर्च कर दिया गया। धीरे धीरे मौर्य साम्राज्य के सैनिकों में ररणकौशल समाप्त हो गया, इस तरह यह भी मौर्य साम्राज्य के पतन का कारण बना।

7. दूरस्थ राजधानी: –

मौर्य साम्राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र थी। यह मौर्य साम्राज्य के केंद्र में नहीं थी, अगर केंद्र में होती तो सभी प्रांतों तक सहजता के साथ पहुंच हो सकती थी। इसका नतीजा यह रहा कि दूरदराज के क्षेत्रों में विद्रोह होने लगे और धीरे-धीरे इन विद्रोहियों ने बड़ा रूप धारण किया और मौर्य साम्राज्य के पतन के कारण बने।

8. पारिवारिक फूट: –

उस समय एक राजा एक से अधिक रानियां रख सकता था। अलग-अलग रानियों से जन्म लेने वाले पुत्रों के बीच किसी न किसी बात को लेकर झगड़े होते रहते थे या फिर वहां पर ऐसे लोग मिल जाते थे जो एक दूसरे के खिलाफ भड़का देते थे। धीरे-धीरे उनमें युद्ध शुरू हो जाता और दुश्मनी बढ़ जाती है, तो इसे भी साम्राज्य के पतन के कारणों में गिना जा सकता है।

9. बौद्ध धर्म को महत्व: –

सम्राट अशोक ने केवल बौद्ध धर्म को सबसे अधिक महत्व दिया था इसका दूरगामी परिणाम यह हुआ कि दूसरे धर्मों के लोग मौर्य वंश के शासकों से दूरी बनाते गए और जैसे ही सम्राट अशोक की मृत्यु हुई उन्होंने विद्रोह शुरू कर दिए। इस तरह सिर्फ बौद्ध धर्म को महत्व देना बी मौर्य साम्राज्य के पतन के मुख्य कारणों (Maurya samrajya ke patan ke karan) में से एक है।

10. राष्ट्रभक्ति:-

प्रोफेसर रोमिला थापर लिखते हैं प्रशासनिक संगठन और राष्ट्रीय भावना की कमी के कारण मौर्य साम्राज्य का पतन हुआ था।

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