सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

शिवजी के बारह ज्योतिर्लिंगों के नाम, स्थान, स्तुति मंत्र || List Of 12 Jyotirlinga

List Of 12 Jyotirlinga- भारत में 12 ज्योतिर्लिंग हैं. भगवान शिव को मानने वाले 12 ज्योतिर्लिंगो के दर्शन करना अपना सौभाग्य समझते हैं. पौराणिक मान्यता के अनुसार ऐसा कहा जाता हैं कि इन स्थानों पर भगवान शिव ज्योति स्वररूप में विराजमान हैं इसी वजह से इनको ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता हैं. 12 ज्योतिर्लिंग अलग-अलग स्थानों पर स्थित हैं.

इस लेख में हम जानेंगे कि 12 ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति कैसे हुई? 12 ज्योतिर्लिंग कहाँ-कहाँ स्थित हैं? 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान. यहाँ पर निचे List Of 12 Jyotirlinga दी गई हैं जिससे आप इनके बारे में पूरी जानकारी हासिल कर पाएंगे.

12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान सूचि (List Of 12 Jyotirlinga)

12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान सूचि (List Of 12 Jyotirlinga) निम्नलिखित हैं-

क्र. सं.ज्योतिर्लिंग का नामज्योतिर्लिंग का स्थान
1.सोमनाथ (Somnath)सौराष्ट्र (गुजरात).
2.मल्लिकार्जुनश्रीशैल पर्वत जिला कृष्णा (आँध्रप्रदेश).
3.महाकालेश्वरउज्जैन (मध्य प्रदेश).
4.ओंकारेश्वरखंडवा (मध्य प्रदेश).
5.केदारनाथरूद्र प्रयाग (उत्तराखंड).
6.भीमाशंकरपुणे (महाराष्ट्र).
7.काशी विश्वनाथवाराणसी (उत्तर प्रदेश).
8.त्र्यंबकेश्वरनासिक (महाराष्ट्र).
9.वैद्यनाथदेवघर (झारखण्ड).
10.नागेश्वरद्वारका (गुजरात).
11.रामेश्वरमरामनाथपुरम (तमिलनाडु).
12.घृष्णेश्वर औरंगाबाद (महाराष्ट्र).
List Of 12 Jyotirlinga In Hindi

क्रमानुसार 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और उनके सम्बन्ध में संक्षिप्त जानकारी-

1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग

क्रम के अनुसार भगवान सोमनाथ (Somnath) का नाम 12 ज्योतिर्लिंग के नाम की लिस्ट में पहले नंबर पर आता हैं. 12 ज्योतिर्लिंगों में पहला ज्योतिर्लिंग सोमनाथ हैं.

सोमनाथ नाम कैसे पड़ा- भगवान भोलेनाथ को खुश करने के लिए चंद्रदेव ने इस क्षेत्र में कठोर तपस्या की थी, उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर शिवजी प्रकट हुए और उनको आशीर्वाद दिया था. चंद्रदेव के नाम सोम पर ही इस स्थान का नाम सोमदेव मंदिर पड़ा.

List Of 12 Jyotirlinga somnath, gujarat.

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की मुख्य बातें-

1. यह मंदिर वास्तुकला की चालुक्य शैली से बना हुआ हैं.

2. यह काठियावाड़ जिला, वेरावल गुजरात (अरब महासागर के तट पर बना हुआ हैं) में स्थित हैं.

3. इसका निर्माण चन्द्रमा द्वारा सोने से निर्मित और रावण द्वारा चाँदी से नवीनीकरण किया गया.

4. बाद में इस मंदिर को भगवान श्री कृष्ण द्वारा चन्दन से और बाद में भीमदेव ने पत्थर से इसका निर्माण करवाया था.

5.. साल 1947 में सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा इसका जीर्णोद्धार करवाया गया था.

6. मुस्लिम आक्रांता महमूद गजनी ने इस मंदिर से सोना लूटने के लिए कई बार आक्रमण किए.

7. यह मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों (List Of 12 Jyotirlinga) में पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता हैं.

2. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग

12 ज्योतिर्लिंगों में दूसरा ज्योतिर्लिंग मल्लिकार्जुन मंदिर हैं, जो श्रीशैल पर्वत जिला कृष्णा (आँध्रप्रदेश) में स्थित हैं. यह कृष्णा नदी के समीप स्थित हैं. इस ज्योतिर्लिंग मंदिर में भगवान शिव माता पार्वती के साथ ज्योति रूप में विराजमान हैं. ऐसी मान्यता हैं कि इस मंदिर में दर्शन करने से अश्वमेध यज्ञ के बराबर पुण्य मिलता हैं.

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग की मुख्य बातें-

1. इस ज्योतिर्लिंग को भ्रामराम्बा मल्लिकार्जुन मंदिर के नाम से भी जाना जाता हैं.

2. मल्लिकार्जुन मंदिर द्रविड़ शैली वास्तुकला से निर्मित हैं.

3. होयसल राजा वीर नरसिम्हा द्वारा मल्लिकार्जुन मंदिर का निर्माण साल 1234 ईस्वी में किया गया था.

4. List Of 12 Jyotirlinga में यह दूसरे स्थान पर हैं.

3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग

12 ज्योतिर्लिंगों में तीसरा ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर हैं, यह मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित हैं. इस मंदिर के पास 52 शक्तिपीठ में शामिल हरसिद्धि माता मंदिर भी हैं. बारह ज्योतिर्लिंगों में से यह एकमात्र ऐसा मंदिर हैं जो दक्षिण मुखी हैं.

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की मुख्य बातें-

1. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग शिप्रा नदी के तट पर स्थित हैं.

2. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में प्रातः काल में होने वाली भस्म आरती बहुत अद्भुद हैं.

3. ऐसी मान्यता हैं की इस मंदिर का निर्माण श्रीकर नामक एक पाँच वर्षीय बच्चे द्वारा करवाया गया था.

4. नागपंचमी और सावन में यहाँ बहुत भीड़ रहती है.

5. यहाँ कुम्भ का मेला भी लगता हैं.

List Of Jyotirlinga mahakal ujjain.

4. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग

बारह ज्योतिर्लिंगों में ओंकारेश्वर मंदिर चौथा ज्योतिर्लिंग जो मध्यप्रदेश के नर्मदा नदी के किनारे स्थित हैं. इंदौर शहर से करीब 80 किलोमीटर दुरी पर हैं. ऐसी मान्यता हैं की देवता और दानवों के बिच लड़ाई में देवताओं द्वारा शिव की प्रार्थना करने पर भगवान शिव ओंकारेश्वर रूप में प्रकट हुए और दानवों का नाश किया.

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की मुख्य बातें-

1. यह ज्योतिर्लिंग ॐ का आकार लिए हुए हैं इसलिए इसे ओंकारेश्वर के नाम से जाना जाता हैं.

2. जिस पहाड़ी पर यह स्थित हैं उसके चारों तरफ नदी बहती हैं, ऊंचाई से देखने पर यह पर्वत ॐ के आकार का दिखाई देता हैं.

3. यह शिवपुरी नामक द्वीप पर स्थित हैं.

4. यह मंदिर तीन मंजिला और ग्रेनाइट से बना हुआ हैं.

5. ज्योतिर्लिंगों की सूचि (List Of 12 Jyotirlinga) में यह चौथे नंबर पर हैं.

5. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग

रूद्र प्रयाग (उत्तराखंड) में स्थित केदारनाथ ज्योतिर्लिंग पहाड़ों में स्थित हैं. बारह ज्योतिर्लिंगों की सूचि में इसका स्थान पांचवां हैं. यह चार धामों में से एक हैं. महाभारत काल में भगवान शिव ने पांडवों को बेल के रूप में इस स्थान पर दर्शन दिए थे. List Of 12 Jyotirlinga में शामिल इस मंदिर का निर्माण 8 वीं या 9 वीं सदी में शंकराचार्य जी द्वारा करवाया गया था, इससे पहले यह मंदिर कई सालों तक बर्फ से ढका रहा.

केदारनाथ ज्योतिर्लिंग की मुख्य बातें-

1. यह मंदिर लगभग 3581 वर्ग किमी की ऊंचाई पर स्थित हैं.

2. सर्दी के दिनों में यह मंदिर बंद रहता हैं.

3. भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में यह 5 वां ज्योतिर्लिंग हैं, जो चार धाम में शामिल हैं.

4. यह मंदिर 11755 फ़ीट अथवा 3583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सभी ज्योतिर्लिंगों में से सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित हैं.

5. यह मंदिर लगभग 3000 साल पुराना हैं. जिसे 8 वीं सदी में खोजा गया.

6. यह मंदिर अप्रैल माह से नवंबर माह तक खुला रहता हैं.

7. भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों की सूचि (List Of 12 Jyotirlinga) में इसका स्थान पांचवा हैं.

6. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग

भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता हैं. यह महाराष्ट्र के पुणे जले में सह्याद्री पर्वत पर स्थित हैं. यहाँ की यह मान्यता हैं कि त्रेतायुग में कुम्भकरण का पुत्र भीम देवताओं को पराजित करने के लिए भगवान शिव को प्रसन्न किया था.

भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों की सूचि (List Of 12 Jyotirlinga) में इसका छठा स्थान हैं.

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग की मुख्य बातें-

1. इस मंदिर की वास्तुकला “नागर शैली” हैं.

2. मराठा नाना फडणवीस ने 18 वीं सदी में यहाँ स्थित मंदिर का निर्माण करवाया था.

3. इस मंदिर की दीवारों पर भगवान श्रीराम और रामायण, श्री कृष्ण लीला, शिव लीला एवं महाभारत से सम्बंधित दृश्यों को दर्शाया गया हैं.

7. काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग

काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग वाराणसी उत्तरप्रदेश में स्थित हैं. यहाँ बाबा विश्च नाथ का अनादिकाल से शिवलिंग हैं जो 108 फ़ीट हैं. जिसे आजकल वजूखना बताया जा रहा हैं. भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों की सूचि (List Of 12 Jyotirlinga) में यह सातवें स्थान पर हैं. काशी प्राचीनकालीन सप्तपुरियों में से एक हैं.

काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग की मुख्य बातें-

1. यहाँ भगवान शिव के साथ माता पार्वती जी भी विराजमान हैं.

2. देवर्षि नारद और सभी देवता गण यहाँ भगवान शिव की आराधना करने आते हैं.

3. काशी में जिसकी मृत्यु होती हैं उसे मोक्ष की प्राप्ति होती हैं.

4. यह मंदिर गंगा नदी के किनारे स्थित हैं.

5. औरंगजेब ने इस मंदिर को नष्ट किया और उसके स्थान पर मस्जिद का निर्माण किया.

6. वर्तमान में मंदिर जिस स्वरुप में हैं उसका निर्माण राजमाता अहिल्याबाई होल्कर द्वारा साल 1780 में करवाया गया था.

7. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा साल 2021 में करवाया गया.

8. त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग

भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग नासिक (महाराष्ट्र) में स्थित हैं. यह गोदावरी नदी के समीप स्थित हैं. यहाँ 12 साल में एक बार कुम्भ का मेला लगता हैं. यहाँ भगवान के तीन चेहरे हैं जो ब्रह्मा,विष्णु और शिव हैं.

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग की मुख्य बातें-

1. मंदिर के वर्तमान स्वरूप का निर्माण पेशवा बालाजी बाजीराव द्वारा करवाया गया था.

2. ब्रह्मगिरि, नीलगिरि और कलागिरि पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य स्थित हैं.

9. वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग

वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग देवघर (झारखण्ड) में स्थित है जो कि भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों की सूचि (List Of 12 Jyotirlinga in india) में नवें स्थान पर आता हैं. जैसा की नाम से स्पष्ट हैं देवघर अथवा देवताओं का घर. पौराणिक मान्यता के अनुसार माता सती का ह्रदय यहाँ पर गिरा था इसलिए यह स्थान शक्तिपीठ भी हैं.

वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग की स्थापना के पीछे एक बहुत ही रोचक कहानी हैं जिसके अनुसार लंकापति रावण भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त था. वह हिमालय में शिवलिंग बनाकर बैठकर तपस्या कि जिससे प्रसन्न होकर शिवजी ने उसको दर्शन दिए, बदले में रावण ने उनसे वर माँगा कि वह इस शिवलिंग को लंका में स्थापित करना चाहता हैं.

भगवान शिव ने उसको यह वर दे दिया लेकिन साथ में यह भी कहा की जिस स्थान पर तुम इस शिवलिंग को रखोगे यह वहीं स्थापित हो जाएगी. रावण यह बात भूल गया गलती शिवलिंग को निचे रख दिया जिसे वह वापस नहीं उठा सका. इस तरह वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग की स्थापना हुई.

वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग की मुख्य बातें-

1. इस मंदिर को बैद्यनाथ या बैजनाथ के नाम से भी जाना जाता हैं.

2. यह 51 शक्तिपीठों में से एक हैं.

3. इस मंदिर का पुनर्निर्माण राजा पूरणमल द्वारा साल 1596 में करवाया गया था.

4. इस ज्योतिर्लिंग को बाबा धाम के नाम से भी जाना जाता हैं.

10. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से 10 वे नंबर का ज्योतिर्लिंग हैं. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर गुजरात के द्वारका में स्थित हैं. द्वारका से इसकी दुरी 17 किलोमीटर हैं. इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना के पीछे यह कहा जाता कि शिवपुराण की रूद्र संहिता में भोलेनाथ का नाम नागेशं दारुकावने बताया गया हैं.

भगवान शिव को नागों का देवता कहा गया हैं जिसका अर्थ होता हैं नागों के ईश्वर.

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की मुख्य बातें-

1. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर को “नागनाथ मंदिर” के नाम से भी जाना जाता हैं.

2. इस मंदिर का निर्माण गुलाबी पत्थर से हुआ हैं.

3. वर्ष 1996 में इस मंदिर जीर्णोद्धार गुलशन कुमार द्वारा करवाया गया था.

4. इस परिसर में भगवान शिव की एक 25 फ़ीट ऊँची प्रतिमा बनी हुई हैं.

5. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग में भगवान शिवजी की पूजा नागदेवता के रूप में होती हैं.

11. रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग

भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों की सूचि (List Of 12 Jyotirlinga) में रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग ग्यारहवें नंबर का ज्योतिर्लिंग हैं. यह रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु के रामनाथपुरम में स्थित हैं. इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना भगवान श्रीराम द्वारा की गई थी. जब श्रीराम लंका से लौट रहे थे तब वो रामेश्वरम में रुके और बालू से शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा की.

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग की मुख्य बातें-

1. यह सनातन धर्म के चार धामों में से एक हैं.

2. रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग को दक्षिण का वाराणसी नाम से भी जाना जाता हैं.

3. रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग की स्थापना भगवान श्रीराम द्वारा लंका विजय कर लौटते समय की थी.

4. 12 वीं सदी में इस मंदिर का विस्तार पाण्ड्य राजवंश के शासकों द्वारा किया गया.

5. वही गर्भगृह का जीर्णोद्धार जयवीरा सिंकैरियान और गुणवीरा सिंकैरियान द्वारा किया गया.

12. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग

भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों की सूचि (List Of 12 Jyotirlinga in india) में घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग अंतिम और 12 वा ज्योतिर्लिंग हैं, यह महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित हैं. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग को घुश्मेश्वर या घृसणेश्वर के नाम से भी जाना जाता हैं.

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग की स्थापना के पीछे एक बहुत ही रोचक कहानी हैं. सुधर्मा नामक एक ब्राह्मण था उसकी पत्नी का नाम सुदेहा था, उनके कोई संतान नहीं होने की वजह से सुदेहा ने अपनी छोटी बहिन शिवभक्त घुश्मा का विवाह सुधर्मा से करवा दिया. कुछ समय बाद दोनों ने एक पुत्र को जन्म दिया.

धीरे-धीरे सुदेहा को अपनी बहिन और उसके पुत्र से घृणा होने लगी जिसके चलते एक दिन उसने घृश्मा के बेटे की हत्या कर दी. दुःखी होकर घुश्मा शिवजी की तपस्या करने लगी, तभी भगवान् प्रकट हुए और उनके बेटे को जीवित कर दिया. घृश्मा ने शिवजी से प्रार्थना की अब आप यहीं रहो, उसकी बात मानकर भगवान शिव वहीं विराजमान हो गए, इस तरह घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग की स्थापना हुई.

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग की मुख्य बातें-

1. मुस्लिम आक्रमणकारियों ने 13 वीं और 14 वीं सदी के दौरान इस मंदिर को नष्ट किया था.

2. मराठा और मुग़लों के बिच हुए युद्ध के दौरान भी यह मंदिर कई बार बना और टुटा.

3. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की वर्तमान संरचना राजमाता अहिल्याबाई होल्कर ने करवाई थी.

4. इस मंदिर का निर्माण लाल और काले पत्थर से हुआ हैं.

5. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग बारह ज्योतिर्लिंगों की सूचि (List Of 12 Jyotirlinga) में घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग अंतिम हैं.

द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति मंत्र

[1] सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।

उज्जयिन्यां महाकालं ओम्कारम् अमलेश्वरम्॥

[2] परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।

सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥

[3] वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।

हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥

एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः।

किस राज्य में कितने ज्योतिर्लिंग (State-Wise List Of 12 Jyotirlinga)

क्र.सं.राज्य का नामज्योतिर्लिंग का नाम
1गुजरात (2)सोमनाथ ज्योतिर्लिंग और नागेश्वर ज्योतिर्लिंग.
2मध्यप्रदेश (2)महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर.
3महाराष्ट्र (3)भीमाशंकर, त्र्यंबकेश्वर और घृष्णेश्वर.
4उत्तराखंड (1)केदारनाथ.
5आंध्रप्रदेश (1)मल्लिकार्जुन.
6झारखण्ड (1)वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग.
7तमिलनाडु (1)रामेश्वरम.
8उत्तरप्रदेश (1)विश्वनाथ.
State-Wise List Of 12 Jyotirlinga In India

12 ज्योतिर्लिंग के नाम संस्कृत में

यहाँ पर सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम संस्कृत भाषा में दिए गए हैं-

नामसंस्कृत में नाम (List Of Jyotirlinga In Sanskrit)
सोमनाथसोमनाथं.
मल्लिकार्जुनमल्लिकार्जुनम्.
महाकालमहाकालं.
ओंकारेश्वरओम्कारम्.
केदारनाथकेदारं.
वैद्यनाथवैद्यनाथं.
रामेश्वरमरामेशं.
विश्वनाथविश्वेशं.
नागेश्वरनागेशं दारुकावने.
त्र्यंबकेश्वरत्र्यम्बकं.
भीमाशंकरभीमशङ्करम्.
घृष्णेश्वरघुश्मेशं.
List Of Jyotirlinga In Sanskrit

FAQ

1. बारह ज्योतिर्लिंग की स्थापना क्यों हुई?

उत्तर- जब-जब भगवान अपने भक्तों की भक्ति से प्रसन्न होकर उनको दर्शन दिए, तब-तब उनके प्रतिक चिन्ह के रूप में ज्योतिर्लिंग की स्थापना हुई.

2. सबसे बड़ा और प्रथम ज्योतिर्लिंग कौनसा हैं?

उत्तर- सोमनाथ को सबसे बड़ा और प्रथम ज्योतिर्लिंग माना जाता हैं.

3. सबसे अधिक ज्योतिर्लिंग कहाँ हैं?

उत्तर- सबसे अधिक 3 ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में हैं जिनका नाम भीमाशंकर, त्र्यंबकेश्वर और घृष्णेश्वर.

4. गुजरात में कितने ज्योतिर्लिंग हैं?

उत्तर- गुजरात में 2 ज्योतिर्लिंग सोमनाथ ज्योतिर्लिंग और नागेश्वर ज्योतिर्लिंग हैं.

5. भगवान शिव के 12 शिवलिंग के नाम (List Of 12 Jyotirlinga) बताओ?

उत्तर- सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, भीमाशंकर, त्र्यंबकेश्वर, घृष्णेश्वर, केदारनाथ, मल्लिकार्जुन, वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग, रामेश्वरम और विश्वनाथ.

6. पहला ज्योतिर्लिंग कौनसा हैं?

उत्तर- सोमनाथ को पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता हैं.

7. महाकालेश्वर कहाँ स्थित हैं?

उत्तर- महाकालेश्वर या महाकाल उज्जैन, मध्यप्रदेश में स्थित हैं.

8. नेपाल में कौन सा ज्योतिर्लिंग है?

उत्तर- पशुपतिनाथ.

9. भीमाशंकर में दर्शन करने में कितना समय लगता है?

उत्तर- भीमाशंकर में दर्शन करने के लिए 50 मिनिट से 75 मिनिट का समय लगता हैं.

यह भी पढ़ें

श्रीलप्रभुपदा का जीवन परिचय.
नीलकंठ वर्णी कि कहानी और जीवन परिचय.
जगन्नाथ मंदिर के 10 रहस्य.
क्रिकेट का इतिहास.

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

नीलकंठ वर्णी (Nilkanth varni) का इतिहास व कहानी

Nilkanth varni अथवा स्वामीनारायण (nilkanth varni history in hindi) का जन्म उत्तरप्रदेश में हुआ था। नीलकंठ वर्णी को स्वामीनारायण का अवतार भी माना जाता हैं. इनके जन्म के पश्चात्  ज्योतिषियों ने देखा कि इनके हाथ और पैर पर “ब्रज उर्धव रेखा” और “कमल के फ़ूल” का निशान बना हुआ हैं। इसी समय भविष्यवाणी हुई कि ये बच्चा सामान्य नहीं है , आने वाले समय में करोड़ों लोगों के जीवन परिवर्तन में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहेगा इनके कई भक्त होंगे और उनके जीवन की दिशा और दशा तय करने में नीलकंठ वर्णी अथवा स्वामीनारायण का बड़ा योगदान रहेगा। हालाँकि भारत में महाराणा प्रताप , छत्रपति शिवाजी महाराज और पृथ्वीराज चौहान जैसे योद्धा पैदा हुए ,मगर नीलकंठ वर्णी का इतिहास सबसे अलग हैं। मात्र 11 वर्ष कि आयु में घर त्याग कर ये भारत भ्रमण के लिए निकल पड़े। यहीं से “नीलकंठ वर्णी की कहानी ” या फिर “ नीलकंठ वर्णी की कथा ” या फिर “ नीलकंठ वर्णी का जीवन चरित्र” का शुभारम्भ हुआ। नीलकंठ वर्णी कौन थे, स्वामीनारायण का इतिहास परिचय बिंदु परिचय नीलकंठ वर्णी का असली न...

मीराबाई (Meerabai) का जीवन परिचय और कहानी

भक्तिमती मीराबाई ( Meerabai ) भगवान कृष्ण की सबसे बड़ी भक्त मानी जाती हैं । वह बचपन से ही बहुत नटखट और चंचल स्वभाव की थी। उनके पिता की तरह वह बचपन से ही कृष्ण भक्ति में लग गई। राज परिवार में जन्म लेने वाली Meerabai का विवाह मेवाड़ राजवंश में हुआ। विवाह के कुछ समय पश्चात ही इनके पति का देहांत हो गया । पति की मृत्यु के साथ मीराबाई को सती प्रथा के अनुसार अपने पति के साथ आग में जलकर स्वयं को नष्ट करने की सलाह दी गई, लेकिन मीराबाई सती प्रथा (पति की मृत्यु होने पर स्वयं को पति के दाह संस्कार के समय आग के हवाले कर देना) के विरुद्ध थी। वह पूर्णतया कृष्ण भक्ति में लीन हो गई और साधु संतों के साथ रहने लगी। ससुराल वाले उसे विष  देकर मारना चाहते थे, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया अंततः Meerabai भगवान कृष्ण की मूर्ति में समा गई। मीराबाई का इतिहास (History of Meerabai) पूरा नाम meerabai full name – मीराबाई राठौड़। मीराबाई जन्म तिथि meerabai date of birth – 1498 ईस्वी। मीराबाई का जन्म स्थान meerabai birth place -कुड़की (जोधपुर ). मीराबाई के पिता का नाम meerabai fathers name – रतन स...