भारत को इंडिया क्यों कहा जाता हैं?

भारत को इंडिया क्यों कहा जाता हैं इसके पीछे दो तर्क है, जिनकी चर्चा हम इस लेख में करेंगे। भारतीय संविधान के अनुसार आज भी भारत का नाम भारतवर्ष है। जब भी भारतवर्ष की बात होती है तो इसमें बहने वाली सिंधु नदी का नाम ज़रूर लिया जाता हैं, क्योंकि भारत को इंडिया का है जाने का इतिहास इसी नदी से जुड़ा हुआ है।

भारत को इंडिया क्यों कहा जाता हैं इसके पीछे का कारण

भारतीय संविधान के प्रथम पृष्ठ पर यह स्पष्ट लिखा गया है की भारत को “इंडिया” और “भारत” दोनों नाम से संबोधित किया जाना चाहिए। “सिंधु घाटी सभ्यता” की वजह से भारत का नाम इंडिया पड़ा। भारतीय संस्कृति और इतिहास की परिचायक सिंधु नदी भारत, पाकिस्तान और चीन में बहती है जिसे संस्कृत में “सिंधु” जबकि अंग्रेजी में इंडस कहा जाता है। क्योंकि सिंधु नदी को अंग्रेजी में इंडस कहा जाता है, इसी आधार पर “भारत का नाम इंडिया” पड़ा।

भारत को इंडिया नाम किसने दिया?

इस लेख में अब तक आप पढ़ चुके हैं कि “भारत को इंडिया क्यों कहा जाता है” लेकिन अब आप जानेंगे कि भारत को इंडिया नाम किसने दिया।

जब 18वीं शताब्दी में अंग्रेज भारत में व्यापार के उद्देश्य से आए तो “हिंदुस्तान” और “भारतवर्ष” बोलना उन्हें थोड़ा कठिन लगता था। इतिहासकारों के माध्यम से जब उन्हें पता चला कि प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता को इंडस वैली और भारत में बहने वाली प्राचीन जलधारा सिंधु नदी को इंडस नाम से जाना जाता है, तो उन्होंने भारत का नाम बदलकर इंडिया रख दिया।

इस तरह भारत को इंडिया नाम देने के पीछे अंग्रेजों का मुख्य हाथ रहा है। लगभग 200 वर्षों तक ब्रिटिश काल के दौरान भारत संपूर्ण विश्व में इंडिया के नाम से प्रसिद्ध हो गया।

जब सन 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिली, तब भारतवर्ष के साथ-साथ इंडिया नाम को भी संविधान में शामिल कर लिया।

भारत को इंडिया क्यों कहा जाता हैं इसके पीछे का दूसरा मत

भारत को इंडिया कहे जाने के पीछे का पहला मत आपने पढ़ा। अब आप जानेंगे कि भारत को इंडिया क्यों कहा जाता है, इसके पीछे कई इतिहासकारों द्वारा दिया जाने वाला दूसरा मत यह है कि जब सिकंदर भारत में आया तब यहां पर रहने वाले लोग सिर्फ HINDU थे।

सिकंदर ने इस नाम से H शब्द को अलग कर दिया। धीरे धीरे भारतवर्ष इंदु से इंडिया हो गया। लेकिन इतिहासकारों का यह मत सत्यता के करीब प्रतीत नहीं होता है।

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