केशव बलिराम हेडगेवार के विचार || Hedgewar Quotes

केशव बलिराम हेडगेवार के विचार प्रेरक और राष्ट्रहित में प्रेरित करने वाले हैं. केशव बलिराम हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक होने के साथ साथ ये प्रथम सरसंघचालक भी थे. इनका जन्म नागपुर (महाराष्ट्र) में 1 अप्रैल 1889 को हुआ था.

सन 1920 ईस्वी में इन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में भाग लिया लेकिन कांग्रेस की नीतियों और विचारधारा इन्हें अच्छी नहीं लगी. केशव बलिराम हेडगेवार के विचार में हिंदू समाज की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत के आधार पर भारतीय राष्ट्रीयता होनी चाहिए.

भारत को आगामी 100 सालों में हिंदु राष्ट्र बनाने के उद्देश्य के साथ इन्होंने 1925 ईस्वी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना की थी. केशव बलिराम हेडगेवार के विचारों से लाखों लोग प्रभावित हुए. 21 जून 1940 को केशव बलिराम हेडगेवार का नागपुर में निधन हो गया. इनके निधन को आज लगभग 82 वर्ष बीत चुके है लेकिन इनके विचार या अनमोल वचन आज भी लोगों के दिलों में ज़िंदा हैं.

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केशव बलिराम हेडगेवार के विचार या अनमोल विचार

केशव बलिराम हेडगेवार के विचार या अनमोल विचार निम्नलिखित हैं-

(1) केशव बलिराम हेडगेवार के विचारों के अनुसार "हिंदू-मुस्लिम एकता" मात्र एक भ्रम है अर्थात् यह असंभव प्रतित होता हैं.
(2) जीवन में निस्वार्थ भाव के बिना मजबूत अनुशासन का निर्माण नहीं होता हैं.
(3) अच्छे संस्कारों के बिना देशभक्ति की भावना पैदा नहीं हो सकती हैं.
(4) केशव बलिराम हेडगेवार के विचार थे कि हिंदू समाज ही यहां का राष्ट्रीय समाज हैं क्योंकी हिंदुस्तान के साथ इनका हित जुड़ा हुआ है, यह समाज देश को भारतमाता कहकर संबोधित करता है और अपने देश को को सब कुछ मानता है.
(5) हिंदू समाज की तरुण पीढ़ी (बाल्यावस्था) में संस्कार डालने चाहिए.
(6) हिंदू समाज को संगठित और जागृत करना ही राष्ट्र जागृति हैं, यह राष्ट्र हित में कार्य हैं.
(7) लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर रास्ते में आने वाली सुख सुविधा और कठिनाइयों की चिंता किए बिना जो दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ सके ऐसी तरुण (युवा) पीढ़ी को खड़ी करनी होगी.
(8) भावनाओं में बहकर या आवेश में आकर कई लोग सामाजिक हितों के लिए खड़े हो जाते हैं लेकिन समस्या आते ही वह पीछे हट जाते हैं. ऐसे लोगों के सहारे देश की विकट समस्याओं को नहीं सुलझाया जा सकता है.
(9) छोटे-छोटे सामाजिक भेदभाव को मिटाकर  हिंदू समाज में एकता लानी होगी ताकि कोई भी हमारे ऊपर गलत नजर नहीं डाल सके.
(10) लोकतंत्र सिर्फ़ भाषणों में नहीं बल्कि समर्थन करने वाले लोगों के व्यवहार में समाहित हैं.
(11) आगामी 100 सालों अर्थात 2025 तक भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का लक्ष्य तय किया.
(12) राष्ट्र सेवा सर्वोपरि है.
(13) देश की एकता और प्रभुत्व को बनाए रखने के लिए सामाजिक एकता होना बहुत जरूरी है.
(14) केशव बलिराम हेडगेवार के विचार हैं कि जो अपने देश का नहीं हो सकता हैं, वह किसी का नहीं हो सकता हैं.
(15) युवा पीढ़ी में डाले गए संस्कार ही एक अच्छे राष्ट्र का निर्माण करते हैं.

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