महाराणा प्रताप के हाथी का नाम क्या था?
मेवाड़ के महाराणा प्रताप सिंह भारत के वीर पुत्र थे. उन्हें अपनी और देश के साथ साथ जानवरों से भी गहरा लगाव और प्रेम था. महाराणा प्रताप के घोड़े का नाम चेतक था यह सब जानते हैं लेकिन शायद ही कोई जनता होगा कि उनका एक हाथी भी था, जिससे महाराणा प्रताप बेहद प्रेम करते थे. महाराणा प्रताप के हाथी का नाम रामप्रसाद था.
महाराणा प्रताप के हाथी का नाम और परिचय
हाथी का नाम | रामप्रसाद. |
ठिकाना | मेवाड़. |
मालिक | महाराणा प्रताप. |
प्रसिद्धि की वजह | हल्दीघाटी का युद्ध. |
महाराणा प्रताप के साथ साथ महाराणा प्रताप के हाथी को भी याद किया जाता हैं. हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप के हाथी ने उनकी जान बचाई थी. रामप्रसाद हाथी बहुत ही विशेष था क्योंकि महाराणा प्रताप के वंश सिसोदिया वंश में इसका लालन पालन और प्रशिक्षण हुआ था. यह बहुत समझदार और मालिक के प्रति वफादार था. महाराणा प्रताप के हाथी का नाम मेवाड़ के इतिहास में सदैव अमर रहेगा.
हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप के हाथी का कमाल
जानें निम्न बिंदुओं में-
[1] महाराणा प्रताप के हाथी ने वर्ष 1576 ईस्वी में हुए विश्वविख्यात हल्दीघाटी के युद्ध में भाग लिया था.
[2] बहुत ही आक्रामकता के साथ रामप्रसाद मुग़ल सेना में शामिल हाथियों पर टूट पड़ा और करीब 13 हाथियों को मौत के घाट उतार दिया.
[3] रामप्रसाद के महावल के मारे जाने के बाद भी यह विचलित नहीं हुआ और दुश्मन देना का संहार करता रहा.
[4] महाराणा प्रताप के हाथी रामप्रसाद द्वारा किए गए भारी नुकसान की ख़बर अकबर के सेनापति मानसिंह ने अकबर को बताया तो वह आश्चर्यचकित रह गया.
[5] अकबर ने मानसिंह को रामप्रसाद को काबू में करने का उपाय बताया कि कोई चक्रव्यूह बनाकर उसे वस में करो.
[6] मानसिंह ने अपनी सेना के 7 विशालकाय हाथियों का एक चक्रव्यूह तैयार किया. प्रत्येक हाथी का नियंत्रण शक्तिशाली योद्धाओं के हाथ में था. हर तरह बहुत ही मुश्किल से रामप्रसाद को पकड़ लिया.
[7] महाराणा प्रताप के हाथी को मानसिंह पकड़कर आगरा ले जाया गया जहां पर उसकी बहुत सेवा की.
[8] अकबर ने महाराणा प्रताप के हाथी का नाम रामप्रसाद से बदलकर पीरप्रसाद कर दिया.
[9] अकबर का दिया चारा पानी को रामप्रसाद में मुंह नहीं लगाया और निरंतर आंखों से आंसू बहते रहे.
[10] अकबर ने एक बार कहा भी था कि जिस राजा का हाथी तक मेरे सामने नहीं झुका मैं उसे कैसे पराजित कर सकता हूं.
[11] कुछ ही समय में महाराणा प्रताप के हाथी का नाम इतिहास के पन्नों में छप गया और रामप्रसाद का देहांत हो गया.
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