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मार्च, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

History Of Haripant Phadke || हरिपंत फड़के का इतिहास ||

haripant phadke (हरिपंत फड़के) मराठा साम्राज्य से ताल्लुक रखते थे। मराठा साम्राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था अलग-अलग भागों में बटी हुई थी। अष्टप्रधान के अलावा भी मराठा साम्राज्य के प्रशासन में कई महत्वपूर्ण पद थे। प्रत्येक पद पर विशेष व्यक्ति की नियुक्ति की गई थी और यही वजह थी कि मराठा साम्राज्य संपूर्ण भारत में फैला और छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा देखे गए हिंदवी स्वराज्य की स्थापना हो पाई। हरिपंत फड़के (haripant phadke) मराठा साम्राज्य के उत्तरी पेशवा का एक राज नायक थे राजनायक के साथ-साथ हरिपंत फड़के लड़ाकू भी थे। हरिपंत फड़के मराठा साम्राज्य के विशेष जनरल थे।जैसा कि आप सब जानते हैं भारतीय इतिहास को तोड़ मरोड़ दिया गया और कई वीर पुरुषों के इतिहास के पन्नों को गायब कर दिया गया। हरिपंत फड़के (haripant phadke) के बारे में ज्यादा जानकारी तो उपलब्ध नहीं है, लेकिन उन्होंने अपने कार्यकाल में कई युद्ध लड़े और मराठा साम्राज्य की सेवा की। भारत में हिंदवी स्वराज्य की स्थापना के लिए कटिबद्ध हरिपंत पढ़कर के इतिहास को पढ़कर आपको उन पर गर्व होगा। धौला गुजरी का इतिहास और कहानी. हरिपंत फड़के का इतिहास (H...

History Of Dhaula Gujari || धौला गुजरी का इतिहास ||

भारतीय इतिहास में धौला गुजरी (Dhaula Gujari) जैसी हजारों वीरांगनाओं ने जन्म लिया लेकिन इन्हें इतिहास के पन्नों से गायब कर दिया गया। स्वतंत्र भारत में यही विडंबना रही कि शुरू से ही शिक्षा मंत्री ऐसे रहे जिन्होंने भारत की तुलना में विदेशी आक्रांताओं को ज्यादा तवज्जों दी। धौला गुजरी का इतिहास (dhaula gurjari) पढ़कर आपको गर्व होगा। यह न सिर्फ अभूतपूर्व वीरांगना थी जबकि आज के समय में महिला समाज के लिए प्रेरक और आदर्श भी है। भारतीय संस्कृति हमेशा से ही पुरुष प्रधान रही हैं लेकिन इस भूमि पर रानी लक्ष्मीबाई, काशीबाई , अहिल्याबाई होलकर, रानी पद्मावती जैसी वीर और साहसी महिलाओं ने जन्म लिया। ये अपने कामों से इतिहास में सदा के लिए अमर हो गई। इसी लिस्ट में एक और नाम आता हैं वीर धौला गुजरी (dhaula gurjari) लेकिन क्या आप जानते हैं कौन थी धौला गुजरी? अगर नहीं तो चलिए पढ़ते हैं यह लेख- धौला गुजरी का इतिहास (Dhaula Gujari History or Dhaula Gujari ka Itihas) परिचय बिंदु परिचय नाम धौला गुजरी (dhaula gujari) जन्म स्थान गांव रायपुर (जेवर) लंबाई Height 6 फीट गौत्र बिधुरी पति का नाम बुंठा छावड़ी गुजर किसने स...

टॉप 10 Jaichand par Shayari जयचंद पर शायरी और कविता

जयचंद पर शायरी (Jaichand par shayari) या फिर जयचंद पर कविता ( jaichand par Kavita) से पहले जयचंद का अर्थ जानते हैं। जयचंद का अर्थ वास्तव में तो यह है कि कन्नौज के प्राचीनतम विजयी राजा होता है, मगर कन्नौज के राजा जयचंद के कुछ गलत कामों की वजह से जयचंद का अर्थ बदल गया। जैसा कि आप जानते हैं राजा जयचंद ने मोहम्मद गौरी का साथ दिया और पृथ्वीराज चौहान के खिलाफ़ युद्ध भूमि में उतरा था। इसी गद्दारी की वजह से जयचंद का अर्थ ही बदल गया। आज के समय में गद्दार, धोखेबाज, देशद्रोही और घर के भेदी को जयचंद कहा जाता हैं। जब इतिहास में जयचंद का नाम आता है तो लोगों के मन में कन्नौज के राजा जयचंद के प्रति गलत या नकारात्मक छवि का भाव उभर आता हैं। आज जयचंद का अर्थ ही अनर्थ में बदल गया। जयचंद का अर्थ कन्नौज के विजयी राजा से अब गद्दार और धोखेबाज रह गया है। जयचंद का अर्थ जो वर्तमान में इस पर आम लोगों में तरह तरह के विचार है, साथ ही कई कविताएं (jaichand par Kavita) और शायरियां (Jaichand par shayari) प्रचलित हैं। इसको आप गद्दार कविता भी कह सकते हैं। जयचंद पर शायरी (Raja jaichand par shayari) सबसे पहले इस आर्टिकल ...

History Of Ahmad Shah Abdali || अहमद शाहअब्दाली का इतिहास

अहमद शाह अब्दाली ( Ahmad Shah Abdali History ) का नाम सुनते ही पानीपत का तीसरा युद्ध जेहन में आ जाता हैं या फिर यह कहें कि पानीपत के तीसरे युद्ध की बात की जाए तो अहमद शाह अब्दाली /अहमद शाह दुर्रानी का नाम दिमाग में आ जाता है। अहमद शाह अब्दाली कौन था ? अहमद शाह अब्दाली शिवाजी का पक्का शत्रु था। अहमद शाह अब्दाली के जीवन पर कई लेख पढ़ने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि वह एक बहुत ही क्रूर, हत्यारा और लुटेरा था। जिसके निशाने पर हिंदुस्तान की हजारों वर्षों से चली आ रही संस्कृति थी। हिंदुओं के प्रमुख तीर्थ स्थलों को उसने निशाना बनाया, लूटा और तोड़फोड़ की। इतना ही नहीं विवाहित और अविवाहित महिलाओं को भी जोर जबरदस्ती अपने साथ अफगानिस्तान ले गया था। अहमद शाह अब्दाली छत्रपति शिवाजी महाराज का पक्का शत्रु था। अहमद शाह अब्दाली का इतिहास और जीवन परिचय (Ahmad Shah Abdali History in hindi) पूरा नाम Full Name Of Ahmad Shah Abdali - अहमद शाह अब्दाली या दुर्रानी. पिता का नाम Ahmad Shah Abdali Father's name - मोहम्मद जमान खान। माता का नाम Ahmad Shah Abdali mother's name - जर्घुना अलकोजै. जन्म...

History Of Raja jaichand || राजा जयचंद का इतिहास ||

राजा जयचंद का इतिहास ( Raja jaichand history In Hindi) यह था की इन्हें आज भी गद्दार कहा जाता हैं। भारत में धोखेबाज, देशद्रोही या फिर गद्दारी करने वाले व्यक्ति को जयचन्द कहकर पुकारा जाता हैं। किसी भी राजा के लिए इससे बड़ा कलंक क्या हो सकता हैं। भारतीय इतिहास बहुत ही रोचक और रहस्यमयी रहा है जिसमें राजा जयचंद का इतिहास भी शामिल हैं। भारत के इतिहास (Raja jaichand history) के पन्नों में ऐसे कई नाम दबे पड़े हैं जिनके कुछ काले कारनामों के कारण कलंकित हैं। राजा जयचंद ऐसे ही नामों में से एक था। भारतीय इतिहास में इन्हें गद्दार तक कहा जाता हैं। इसकी वजह आपको इस आर्टिकल के माध्यम से मिल जाएगी। राजा जयचंद का इतिहास और कहानी परिचय बिंदु परिचय पूरा नाम राजा जयचंद्र राठौड़ ( raja jaichand ), गहड़वाल वंश जन्म स्थान कन्नौज पिता का नाम विजयचंद्र दादा जी का नाम गोविंदचंद्र वंश गहडवाल वंश पुत्र-पुत्री हरिश्चन्द्र और संयोगिता राजगद्दी 21 जून 1170 ईस्वी शासनावधि 1170 ईस्वी से 1194 ईस्वी तक उत्तराधिकारी हरिश्चंद्र घर गढ़वाल History Of Ra...

Shivaji Maharaj Ki Talwar शिवाजी महाराज की 3 तलवारें

Maratha Talwar या Maratha sword या फिर यह कह ले कि शिवाजी महाराज की तलवार (Shivaji Maharaj Ki Talwar) इसका इतिहास छत्रपति शिवाजी महाराज की देन हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज अपनी सेना और सैनिकों को अधिक सक्षम बनाने के लिए तरह-तरह के उपाय और प्रयोग करते रहते थे। मराठा तलवार की खोज भी इसी का नतीजा थी। मराठा तलवार का जब भी जिक्र होता है तो वह “भवानी तलवार” का जिक्र होता है। छत्रपति शिवाजी महाराज ने भी सोचा कि उनकी सेना को एक ऐसी तलवार मिले जिसे दुश्मन देखते ही कांप उठे। मराठा तलवार (maratha talwar) बनाने के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज ने कई आयामों को ध्यान में रखते हुए वर्षों तक अध्ययन किया। अनुसंधान पूरा होने के बाद छत्रपति शिवाजी महाराज इस हथियार को बड़ी संख्या में बनाना चाहते थे ताकि प्रत्येक मराठी सैनिक के हाथ में अद्भुत तलवार (Maratha Talwar) हो। Shivaji Maharaj Ki Talwar का संक्षिप्त परिचय इस समय छत्रपति शिवाजी महाराज के सामने जो सबसे बड़ी समस्या थी वह थी निपुण कारीगरों की कमी, जो कि भारत में नहीं थे। भारतीय कारीगर पतले और हल्के ब्लेड बनाने की कारीगरी नहीं जानते थे। इसलिए शिवा...