एर्तूग्रुल गाजी (Ertugrul Ghazi) उस्मानिया सल्तनत के संस्थापक उस्मान गाजी के पिता थे। हाल ही में पाकिस्तातान में इनके जीवन पर आधारित सीरीज का जादूूू दर्शकों के सर चढ़कर बोल रहा हैं। वर्तमान में टेलीविजन और सोशल मीडिया पर यह शो बहुत अधिक प्रसिद्धि प्राप्त कर चुका है।
एर्तूग्रुल गाजी (Ertugrul Ghazi) के बारे में इससे पहले बहुत कम लोग जानते थे लेकिन आज पाकिस्तान, दुबई, अफगानिस्तान और तुर्की में इन्होंने लोगों का दिल जीत लिया है।
एर्तूग्रुल गाजी कौन थे Who was Ertugrul Ghazi?
एर्तूग्रुल गाजी का पूरा नाम “एर्तूग्रुल बिन सुलेमान” शाह था। उस्मानी साम्राज्य परंपरा के अनुसार एर्तूग्रुल गाजी तुर्की के कयि (एक कबीला) जनजाति के नेता सुलेमान शाह के पुत्र थे। सुलेमान शाह मंगोलियों के आक्रमण से बचने के लिए मध्य एशिया से भागकर अनातोलिया जाकर बस गए।
पिता सुलेमान शाह की मृत्यु के पश्चात एर्तूग्रुल गाजी (Ertugrul Ghazi) अपने अनुयायियों के साथ रोम की सीमा में प्रवेश किया, इसके बाद उन्हें बाइजेंटाइन साम्राज्य के साथ सीमा पर सोगुट शहर पर अधिकार प्राप्त हुआ। एर्तूग्रुल गाजी को इस्लाम के लिए बहुत अच्छे कार्य करने के लिए एक चैंपियन के तौर पर याद किया जाता है।
एर्तूग्रुल गाजी का संक्षिप्त जीवन परिचय (Brief life introduction of Ertugrul Ghazi)
एर्तूग्रुल गाजी का पूरा नाम | एर्तूग्रुल बिन सुलेमान |
जन्म वर्ष | 1191 ईस्वी |
मृत्यू वर्ष | 1280 ईस्वी |
मृत्यु स्थान | सोगुट (सल्तनत ऑफ रोम) |
एर्तूग्रुल गाजी की समाधि | सोगुट में |
एर्तूग्रुल गाजी पिता का नाम | सुलेमान शाह |
एर्तूग्रुल गाजी माता का नाम | हायमे हातुन |
एर्तूग्रुल गाजी की पत्नि का नाम | हलीमा हातून |
एर्तूग्रुल गाजी के पुत्र का नाम | उस्मान प्रथम |
रोम की सीमा में प्रवेश करने के पश्चात इनका सीधा मुकाबला रोम की सल्तनत के साथ हुआ, यह मुकाबला सोजत (sogut) नामक शहर में लड़ा गया था।
इस युद्ध में पता हासिल करने के पश्चात इन्होंने अपने पुत्र के दम पर “सल्तनते उस्मानिया” की बुनियाद रखी जिसे विश्व की मजबूत सल्तनतों में से एक माना जाता है।
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एर्तूग्रुल गाजी का विवाह, Ertugrul Ghazi’s marriage–
एर्तूग्रुल गाजी (Ertugrul Ghazi) का विवाह सेल्जुक सल्तनत (Seljuk empire) की शहजादी हलीमा सुल्तान के साथ हुआ था। कई लोग हलीमा सुल्तान के बारे में जानना चाहते हैं तो आपकी जानकारी के लिए बता देगी तुर्की की रहने वाली थी।
एर्तूग्रुल गाजी का का मक़बरा कहां स्थित हैं Where is the tomb of Ertugrul Ghazi located??
एर्तूग्रुल गाजी (Ertugrul Ghazi) को मृत्यु के पश्चात सोजत (sogut) शहर में ही दफनाया गया था। इनके पुत्र उस्मान प्रथम ने सोजत में ही एर्तूग्रुल गाजी (Ertugrul Ghazi) के नाम पर एक बहुत ही सुंदर मस्जिद और मकबरे का निर्माण करवाया था।
लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया इस मकबरे में दरारें आती गई जिसका कई बार पुनर्निर्माण भी करवाया गया। इतिहासकारों के अनुसार अंतिम बार सुल्तान अब्दुल हमीद द्वितीय ने इस मकबरे का पुनर्निर्माण (19वीं शताब्दी के अंत में) करवाया था।
इस मकबरे के अंदर एर्तूग्रुल गाजी (Ertugrul Ghazi) का पूरा परिवार और उनके साथ-साथ उनके कबीले के महत्वपूर्ण लोगों की कब्रें मौजूद है।
एर्तूग्रुल गाजी का संघर्ष पूर्ण जीवन-
कायी कबीला, बंजारों की तरह इधर-उधर भटकने वाला था, इसलिए इनका प्रारंभिक जीवन बहुत ही संघर्ष भरा रहा। इतना ही नहीं चारों तरफ से दुश्मनों से गिरे हुए होने की वजह से हर समय इन्हें सतर्क और चौकन्ना रहना पड़ता था। मंगोल आक्रमणकारी इनके लिए सबसे बड़ा खतरा था। इसके अतिरिक्त भी इन्हें लोकल सुल्तानों के साथ कई बार संघर्ष करना पड़ता था।
ईसाई यरुशलम शहर पर कब्जा करना चाहते थे, जबकि यहूदी और मुस्लिम भी इस पर अपना हक जमाते थे। उस समय यह स्थान मुस्लिम शासकों के कब्जे में था। आज भी यरुशलम शहर के लिए 3 मजहब में भयंकर लड़ाई जारी है। इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जारी युद्ध इसी शहर की वजह से हैं।
एर्तूग्रुल गाजी (Ertugrul Ghazi) चाहते थे कि उनके कबीले को एक निश्चित स्थान मिले और वहां पर शांति के साथ जीवन यापन किया जा सके। इसी चाहत में उन्हें कई संघर्ष करने पड़े और कबीले के महत्वपूर्ण लोगों की कुर्बानियां तक देनी पड़ी।
“शैख इबरे अरबी” इनके बहुत बड़े मददगार थे साथ ही एर्तूग्रुल गाजी (Ertugrul Ghazi) का मार्गदर्शन भी किया करते थे। “शैख इबरे अरबी” ने एक ऐसी संदूक एर्तूग्रुल गाजी (Ertugrul Ghazi) को प्रदान की, जिसमें एक चमत्कारी कमीज थी। इस कमीज को पहन कर जो भी युद्ध मैदान में जाता था वह निश्चित तौर पर फतह करके लौटता था।
1299 ईस्वी में “सल्तनते उस्मानिया” नामक सल्तनत की स्थापना हुई, यहां सल्तनत विश्व की सबसे शक्तिशाली सल्तनतों में से एक थी।
लगभग 600 वर्षों तक शासन करने के पश्चात 1920 में जब प्रथम विश्व युद्ध लड़ा गया तब “सल्तनते उस्मानिया” का अंत हुआ और इसकी जगह तुर्की नामक देश की स्थापना की गई।
डिरिलिस एर्तूग्रुल ( Dirilis Ertugrul) टीवी शो –
डिरिलिस एर्तूग्रुल ( Dirilis Ertugrul) एक ऐसा टीवी शो है जो “सल्तनते उस्मानिया” के पहले की कहानी और एर्तूग्रुल गाजी (Ertugrul Ghazi) के संघर्ष को दिखाता है। तेरहवीं शताब्दी पर आधारित टीवी पर प्रसारित होने वाला यह शो तुर्की का “गेम ऑफ थ्रोन” भी कहा जाता है।
इस वेब सीरीज में बहुत शानदार महलों के साथ-साथ, शाही कपड़े, तलवारें और मोहब्बत का जिक्र किया गया है। इतना ही नहीं इस सीरीज का म्यूजिक बहुत ही जोशीला है। इस टीवी शो को लोगों का इतना प्यार मिला कि यह बहुत कम समय में तुर्की, अफगानिस्तान, दुबई और पाकिस्तान के साथ-साथ बांग्लादेश जैसे देशों में बहुत ही अधिक लोकप्रिय हो गया और लोकप्रियता के पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए।
डिरिलिस एर्तूग्रुल ( Dirilis Ertugrul) शो की कहानी बहुत ही शानदार हैं और इस शो के माध्यम से डिरिलिस एर्तूग्रुल ( Dirilis Ertugrul) की कहानी का बहुत ही शानदार तरीके से प्रस्तुतीकरण किया गया है।
डिरिलिस एर्तूग्रुल ( Dirilis Ertugrul) को मूल रूप से तुर्की में 2014 में प्रसारित किया गया था, लेकिन 2019 में नेटफ्लिक्स और 2020 में यूट्यूब पर आने के पश्चात इसकी लोकप्रियता में अचानक बहुत ही बड़ा इजाफा हुआ।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा इसकी उर्दू में डबिंग भी करवाई गई, जिसे P टीवी के माध्यम से रमजान के दिन से इस को रिलीज किया गया।
डिरिलिस एर्तूग्रुल ( Dirilis Ertugrul) नामक सीरियल में एर्तूग्रुल गाजी (Ertugrul Ghazi) का किरदार तुर्की के एक्टर एंजिन अल्तान दूज्यतान ने निभाया हैं।
हलीमा सुल्तान कौन थी, Who was Halima Sultan?
एर्तूग्रुल गाजी (Ertugrul Ghazi) का विवाह सेल्जुक सल्तनत (Seljuk empire) की शहजादी हलीमा सुल्तान के साथ हुआ था। कई लोग हलीमा सुल्तान के बारे में जानना चाहते हैं तो आपकी जानकारी के लिए बता देगी तुर्की की रहने वाली थी।
गाजी किसे कहते हैं?
गाजा मतलब जिहाद, तुर्की में एर्तूग्रुल गाजी (Ertugrul Ghazi) के समय एक परंपरा थी जिसके अनुसार गाजा करने वाले को गाजी कहा जाता था। एर्तूग्रुल गाजी को भी यह उपाधि प्राप्त हुई थी।
एर्तूग्रुल गाजी की प्रतिमा कहां हैं, Where is the statue of Ertugrul Ghazi?
डिरिलिस एर्तूग्रुल ( Dirilis Ertugrul) और एर्तूग्रुल गाजी नामक सीरियल पाकिस्तान में बहुत ही लोकप्रिय हुई है सोशल मीडिया और टीवी पर इसकी लोकप्रियता बढ़ने के बाद लोगों ने एर्तूग्रुल गाजी (Ertugrul Ghazi) कि लाहौर में एक प्रतिमा स्थापित की है साथ ही जहां पर प्रतिमा की स्थापना की गई उस स्थान का नाम “एर्तूग्रुल गाजी चौक” (Ertugrul Ghazi chauk ) रखा गया।
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