साइकिल का इतिहास और आविष्कार || History Of Cycle
साइकिल का इतिहास बहुत पुराना है। आज के समय में लोगों के पास कार, बाइक जैसे स्वचालित यंत्र आने की वजह से साइकिल के उपयोग में कमी आई है। लेकिन 20 वी सदी में पुनः लोग अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए साइकिल की तरफ लौट रहे हैं। साइकिल का इतिहास भी मनुष्य की भांति ही है, इसमें धीरे-धीरे और समय के साथ साथ बहुत परिवर्तन होता गया।
वर्तमान समय में साइकिल कई तरह की वैरायटी में उपलब्ध है। साइकिल को बाईसाइकिल भी कहा जाता है। यह मानव द्वारा चालित, मोटर द्वारा चालित, पेडल चालित या फिर एकल ट्रैक वाहन है।
साइकिल में दो पहिए होते हैं जो एक प्रेम के माध्यम से जुड़े होते हैं। 19वीं शताब्दी में यूरोप में साइकिल की सर्वप्रथम शुरुआत हुई थी। साइकिल को विश्व में सबसे लोकप्रिय साधन के रूप में माना जाता है।
साइकिल का आविष्कार किसने किया?
जब हम साइकिल के इतिहास के बारे में बात कर रहे होते हैं तो सबसे पहले यह बात दिमाग में आती है कि आखिर साइकिल का आविष्कार किसने किया था? आधुनिक साइकिल के आविष्कार का पूरा श्रेय “किर्कपैट्रिक मैकमिलन” जो जाता हैं। साइकिल का आविष्कार 1839 में स्कॉटलैंड में हुआ था। साइकिल का आविष्कार किर्कपैट्रिक मैकमिलन द्वारा किया गया।
आधुनिक साईकिल के आविष्कार से से पूर्व जितनी भी साइकिलों का आविष्कार किया गया था, उन्हें पांव से धकेल कर चलाया जाता था। जबकि आधुनिक साइकिल का आविष्कार एक क्रांतिकारी कदम साबित हुआ, किर्कपैट्रिक मैकमिलन ने आधुनिक साइकिल को पैरों से चलाने योग्य बनाया।
1817 ईस्वी में जर्मनी के बैरन फॉन ड्रेविस ने सबसे पहले साइकिल की एक रूपरेखा तैयार की ताकि इस आधार पर उसे आकार दिया जा सके। यह साइकिल लकड़ी की बनी हुई थी, जिसका नाम था ड्रेसियेन। यह लगभग 15 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलती थी, हालांकि यह ज्यादा समय तक अस्तित्व में नहीं रही। इस साइकिल का इतिहास 1830 से 1842 तक माना जाता है।
पुनः किर्कपैट्रिक मैकमिलन ने पैरों को घसीटे बिना ही चलने वाले एक ऐसे यन्त्र की खोज की जिसे वेलोसीपिड नाम से जाना गया। इस तरह आधुनिक साइकिल के आविष्कार का श्रेय मैकमिलन को ही जाता है।
साइकिल का इतिहास
वैसे तो साइकिल का इतिहास बहुत पुराना नहीं है लेकिन यह एक ऐसा साधन है जिसकी दुनिया भर में बहुत अधिक डिमांड है। हर वर्ष विश्वभर में 10 करोड़ से भी ज्यादा साइकिलों की बिक्री होती है।
साइकिल का इतिहास 18 वीं शताब्दी के अंत से शुरू हुआ। 1816 ईस्वी में पेरिस में सर्वप्रथम साइकिल बनाई गई, जिसे हॉबी हॉर्स या काठ का घोड़ा नाम से जाना गया। पैडल का आविष्कार 1865 ईस्वी में हुआ जिसका श्रेय Lallement को जाता हैं।
साइकिल का इतिहास यहीं पर खत्म नहीं हुआ, लोगों की सोच के विपरीत दिन-ब-दिन इसकी मांग बढ़ती गई। इसका उपयोग करने के बाद थकान बहुत आ जाती थी। इसलिए एक ऐसे यंत्र का निर्माण करने के लिए लोग रात दिन लगे रहे जिससे कि उनका काम आसान हो सके।
अमेरिका, फ्रांस और इंग्लैंड जैसे देशों के यंत्र बनाने वाले कारीगरों ने सन 1872 ईस्वी में साइकिल का इतिहास बदलने वाला आकार प्रदान किया। इसमें लोहे की पतली पट्टी के पहिए लगाए गए। इस समय साइकिल में दो पहिए थे। आगे का पहिया बड़ा होता था जबकि पीछे वाला पहिया छोटा।आगे वाले पहिए का व्यास 64 इंच जबकि पीछे वाले पहिए का व्यास 12 इंच था।
भारत में साइकिल का इतिहास देखा जाए तो आजादी के बाद कई वर्षों तक साइकिल को यातायात का मुख्य साधन माना जाता था। 1960 से लेकर 1990 तक भारत में शायद ही कोई परिवार वंचित होगा जिसके पास साइकिल ना हो।
साइकिल का इतिहास इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि प्राचीन समय में सब्जियों को और फसलों को मंडी तक ले जाने के लिए साइकिल का प्रयोग किया जाता था। साथ ही दूध की सप्लाई की साइकिल के द्वारा होती थी और डाक विभाग में डाकिया अधिकतर साइकिल का ही प्रयोग करता था।
जैसे जैसे समय आगे बढ़ता गया साइकिल का उपयोग कम होने लगा, साइकिल की जगह बाइक और कार ने ले ली।
2015 के बाद साइकिल की बिक्री में पुनः तेजी आई है, आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए साइकिल का उपयोग करना लगभग अनिवार्य हो गया है।
विश्व भर की बात की जाए तो चीन में सबसे ज्यादा साइकिल का उपयोग किया जाता है चीन के बाद भारत का नंबर आता है।
अंतरराष्ट्रीय/ विश्व साइकल दिवस कब मनाया जाता हैं?
2018 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा आधिकारिक रूप से विश्व साइकिल दिवस मनाने की शुरुआत की गई। विश्व साईकिल दिवस प्रतिवर्ष 3 जून को मनाया जाता हैं।
जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा विश्व साइकिल दिवस की शुरुआत 3 जून 2018 को हुई थी। विगत 2 वर्षों से विश्व साइकिल दिवस पर पूरे विश्व में इसका क्रेज देखने को मिला है।
लोगों को साइकिल के प्रति और इसके उपयोग के प्रति जागरूक करने के लिए विश्व साइकिल दिवस (Cycle History In Hindi) मनाया जाता हैं।
साईकिल के मुख्य भाग/पार्ट्स
1. फ्रेम।
2. पहिया।
3. सीट।
4. हैंडल
5. पैडल।
साइकिल के बारे में रोचक तथ्य
साईकिल के बारे में रोचक तथ्य/जानकारी interesting facts about cycle-
1. विश्व में प्रतिवर्ष 10 करोड़ से भी अधिक साइकिल की बिक्री होती है।
2. दुनिया में सबसे अधिक साइकिल का इस्तेमाल चीन में किया जाता है।
3. साइकिल का इस्तेमाल करने के मामले में भारत दूसरे नंबर पर है।
4. Cycling नीदरलैंड में सबसे अधिक लोकप्रिय है।
5. साइकिल का इतिहास 200 से भी अधिक वर्ष पुराना माना जाता है।
6. साइकिल चलाने से कैलोरीज बर्न होती है जिससे स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
7. प्रतिवर्ष 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है।
8. साइकिल का आविष्कार भी मनुष्य की तरह धीरे-धीरे प्रारंभिक रूप से विकसित रूप तक हुआ है।
9. साईकिल चलाने में पेट्रोल/डीजल की जरूरत नहीं होती हैं।
10. साइकिल का अधिक उपयोग करने से पर्यावरण साफ होता है।
साइकिल चलाने के फायदे (benefits of cycling in Hindi)
1. हमेशा 30 मिनट से लेकर 60 मिनट तक साइकिल चलाने से पेट की चर्बी कम होती है।
2. अगर सुबह के समय साइकिल चलाई जाए तो यह फिटनेस के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है।
3. साइकिल चलाने का सबसे बड़ा फायदा हमारे इम्यून सिस्टम को होता है।
4. साईकिल चलाने से इम्युन सेल्स एक्टिव हो जाते हैं और बीमारी का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
5. जिन लोगों के घुटनों और जोड़ों में दर्द है, उन्हें नियमित रूप से 30 मिनट साइकिल चलानी चाहिए।
6. नियमित रूप से एक घंटा साइकिल चलाने से हमारा दिमाग ज्यादा एक्टिव रहता है। साथ ही दिमाग का पावर 20% तक बढ़ जाता है।
7. साइकिल चलाने से किसी भी तरह का खर्चा नहीं होता है अर्थात पैसे भी बचाए जा सकते हैं।
क्या आप जानते हैं-
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