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1100 साल पुरानी बुद्ध की मूर्ति का सिटी स्कैन

बुद्ध की मूर्ति का सिटी स्कैन का मामला सामने आया हैं. बुद्ध मूर्ति के अंदर ममीकृत भिक्षु निकला या फिर ऐसा कहें कि बुद्ध प्रतिमा के अंदर वैज्ञानिकों ने 1100 साल पुराना एक साधु खोजा है जो कि ध्यान में लीन है।

यह सब संभव हो पाया है इस प्राचीन मूर्ति के सिटी स्कैन से। अतीत से पर्दा उठा कि यह घटना चीन की है जिसे जानकर आपको आश्चर्य तो होगा ही साथ ही आप जानेंगे कि कैसे शादू मूर्ति में समा गया।

Budha Murty City Scan के पश्चात चौंकाने वाला रहस्य सामने आया.
Budha Murty City Scan.

बुद्ध की मूर्ति का सिटी स्कैन और रहस्य

सोने से बनी यह मूर्ति 1100 साल पुरानी बताई जा रही है। वैसे देखने में धरती के गर्भ से निकली यह मूर्ति आम मूर्तियों की तरह ही दिखाई पड़ती है।

इस मूर्ति का निर्माण पत्थरों एवं सोने से किया गया है, देखने में यह मूर्ति सजीव लगती है। इसकी बनावट और चमक देखकर वैज्ञानिकों ने इसकी जांच करने का फैसला किया।

1100 years old Budha Murty City Scan
1100 years old Budha Murty City Scan

वैज्ञानिकों ने लैब में ले जाकर सबसे पहले इसका सिटी स्कैन किया। परिणाम देखकर वैज्ञानिक चौंक गए। जांच में सामने आया कि इस मूर्ति के अंदर एक ममी थी या फिर यह कहे कि बुद्ध की इस मूर्ति में एक ध्यान लीन बौद्ध भिक्षु का शरीर छिपा है।

इस मूर्ति के अंदर छिपे शरीर के बारे में राज उजागर करने के लिए “एंडोस्कोप” से परीक्षण किया गया जिसमें सामने आया कि यह मम्मी 11वीं शताब्दी के बौद्ध भिक्षु ल्युकान की थी।

शोध में सामने आया कि इस मम्मी के आंतरिक अंगों को निकालकर कागज ठूस दिए गए। इन कागजों पर चीनी भाषा लिखी हुई हैं। इस सिटी स्कैन के परिणामस्वरुप यह बात सामने आई कि सेल्फ “ममीफिकेशन” या खुद को मम्मी में तब्दील करने का मामला है।

सेल्फ ममीफिकेशन कैसे होता है?

खुद को ममी में तब्दील करने के लिए बौद्ध भिक्षु सबसे पहले 1000 दिनों तक सिर्फ पानी और बीज का उपयोग करते थे। उसके बाद पेड़ों की जड़ें और छाल खाकर अगले 1000 दिन गुजारते, साथ ही इस दौरान उन्हें पत्थरों से निर्मित चबूतरे में चुनवा दिया जाता था।

नाक के समीप एक छोटा सा छेद किया जाता ताकि सांस ले सके और घंटी बजा कर अपने जीवित होने का प्रमाण दिया जा सके। घंटी की आवाज बंद होने के पश्चात भी लगभग 1000 दिनों तक उन्हें इसी अवस्था में रखा जाता था। बौद्ध भिक्षुओं द्वारा बौद्धत्व को प्राप्त करने के लिए यह सब किया जाता था।

अब यह मूर्ति कहां है?

वर्तमान में यह मूर्ति नीदरलैंड के “ड्रेंट संग्रहालय” में रखी गई हैं इसका थीम है मम्मी: लाइफ बियोंड डेथ.

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