दुर्धरा का इतिहास || History Of Durdhara

दुर्धरा का इतिहास और जीवन परिचय जाने से पहले आपको बता दें कि दुर्धरा धनानन्द की पुत्री और मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य की पत्नी थी। शाही परिवार में जन्म लेने वाली दुर्धरा का बचपन बहुत ही रईसी में निकला। दुर्धरा चन्द्रगुप्त मौर्य जैसे प्रतापी राजा की पत्नी होने के साथ साथ बिन्दुसार की माता भी थी।

इस लेख में हम दुर्धरा का इतिहास और कहानी को विस्तृत रूप से जानेंगे।

दुर्धरा का इतिहास और जीवनी (History Of Durdhara)

पूरा नाम- दुर्धरा.
पिता का नाम - धनानंद जी.
माता का नाम - अमितानिता.
जन्म स्थान - पाटलिपुत्र.
पति का नाम- चन्द्रगुप्त मौर्य.
भाई का नाम - पब्बता नंद.
पुत्र - राजा बिन्दुसार मौर्य.
मृत्यु वर्ष - 320 ईसा पूर्व.
मृत्यु स्थान - पाटलिपुत्र.
मृत्यु की वजह - विष का सेवन.

दुर्धरा के पिता धनानंद जी नंद वंश के शासक थे। दुर्धरा बहुत ही सुन्दर, सुशील और नटखट स्वभाव की कन्या थी। माता पिता को प्रिय दुर्धरा जब बड़ी हुई तो उनका विवाह चन्द्रगुप्त के साथ हुआ।

Durdhara ने बिन्दुसार जैसे राजा को जन्म दिया जो चन्द्रगुप्त के बाद मौर्य वंश के द्वितीय शासक बने। दुर्धरा जितनी अच्छी और शालीन स्वभाव की थी, ठीक उसके विपरीत उनका भाई पब्बता नंद महत्वकांक्षी था। वह अपने पिता को मारकर नंद साम्राज्य का शासक बनना चाहता था।

हालांकि चन्द्रगुप्त मौर्य ने धनानंद को मारकर नंद साम्राज्य का अंत कर दीया और मौर्य साम्राज्य की स्थापना की।

दुर्धरा का विवाह

दुर्धरा और चन्द्रगुप्त मौर्य का प्रेम विवाह हुआ था, ऐसा इतिहासकार बताते हैं। जब चन्द्रगुप्त मौर्य ने नंद साम्राज्य पर आक्रमण किया तो वहां पर उन्होंने पहली बार दुर्धरा को देखा। दुर्धरा और चन्द्रगुप्त मौर्य दोनों ने एक दूसरे को पसंद किया और मन ही मन शादी की ठान ली।

आचार्य चाणक्य के दिशानिर्देशानुसार चन्द्रगुप्त मौर्य ने नंद वंश के शासक धनानंद की हत्या कर दी और संपूर्ण साम्राज्य पर चन्द्रगुप्त मौर्य का अधिकार हो गया।
इस युद्ध के पश्चात् दुर्धरा और चन्द्रगुप्त मौर्य का विवाह संपन्न हुआ।

संतानोत्पत्ति

चन्द्रगुप्त मौर्य और दुर्धरा के विवाह के पश्चात उनको पहले पुत्र की प्राप्ति हुई जिसका नाम था केशनाक। जन्म के कुछ दिनों बाद ही केशनाक की मृत्यु हो गई, यह इनका पहला पुत्र था।

दुसरे पुत्र के रुप में दुर्धरा और चन्द्रगुप्त मौर्य को बिन्दुसार नामक पुत्र प्राप्त हुआ। बिन्दुसार के जन्म को लेकर एक रहस्य है। कहते हैं कि दुर्धरा ने जहर का सेवन कर लिया उस समय बच्चे के जन्म में 7 दिन का समय बाकी था।

बच्चे को पेट चीरकर बाहर निकाला गया। इस तरह राजकुमारी दुर्धरा ने 2 पुत्रों को जन्म दिया।

दुर्धरा की मृत्यु कैसे हुई?

जैसा कि आप सब जानते हैं आचार्य चाणक्य ने अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए, धनानंद को पराजित करने और उसके साम्राज्य को समाप्त करने का संकल्प लिया था। अपनी निर्णय क्षमता, चतुर राजनीति और अच्छे षड्यंत्रकर्ता के रूप में आचार्य चाणक्य विश्वविख्यात हैं। उन्होंने ऐसे षड्यंत्र रचे जिससे धनानंद मृत्यु को प्राप्त हुए और चंद्रगुप्त मौर्य मगध साम्राज्य के राजा बने।

कभी-कभी अच्छा करने के लिए किए जाने वाले कामों से ऐसी क्षति या नुकसान हो जाता है जिनकी पूर्ति करना मुश्किल होता है। ऐसा ही एक अच्छा काम आचार्य चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य के लिए किया, लेकिन इसका खामियाजा चंद्रगुप्त मौर्य को उनकी पत्नी दुर्धरा की मृत्यु से चुकाना पड़ा।

आचार्य चाणक्य चाहते थे कि चंद्रगुप्त मौर्य हर तरह से मजबूत बने इसलिए उन्हें खाने में हल्का-हल्का जहर दिया जाता था ताकि उनका शरीर उस जहर के अनुकूल हो जाए और यदि उन्हें मारने के लिए कोई षडयंत्र पूर्वक उन्हें जहर भी दे, तो उनके शरीर पर उसका कोई असर ना हो।

1 दिन की बात है आचार्य चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य के लिए भोजन तैयार किया और उसमें प्रतिदिन की तरह हल्का सा जहर मिला दिया। यथासमय चंद्रगुप्त मौर्य किसी कार्य में व्यस्त होने की वजह से भोजन नहीं कर पाए और वह भोजन चंद्रगुप्त मौर्य की पत्नी दुर्धरा ने ग्रहण कर लिया।

कुछ ही समय पश्चात धीरे धीरे उनकी सेहत बिगड़ने लगी और जब कारण पता चला तो ना सिर्फ चंद्रगुप्त मौर्य बल्कि आचार्य चाणक्य के भी होश उड़ गए, क्योंकि बिल्कुल कम मात्रा से शुरू किया गया जहर चंद्रगुप्त मौर्य के लिए कम प्रभावी था लेकिन दुर्धरा ने पहली ही बार में अधिक मात्रा वाला भोजन ग्रहण कर लिया। इसलिए उनका शरीर धीरे-धीरे साथ छोड़ रहा था।

जब दुर्धरा ने भोजन ग्रहण किया उस समय वह गर्भवती थी। आचार्य चाणक्य ने अपनी बुद्धिमता का प्रयोग करते हुए पेट को चीरकर बच्चे को बाहर निकाल दिया। इस दौरान चंद्रगुप्त मौर्य की पत्नी दुर्धरा की मृत्यु हो गई।

दुर्धरा की मृत्यु से चंद्रगुप्त मौर्य को गहरा आघात लगा लेकिन यह आचार्य चाणक्य की बुद्धिमत्ता का ही परिणाम था कि मौर्य साम्राज्य को आगे बढ़ाने के लिए दुर्धरा के गर्भ से बिंदुसार नामक बच्चे का जन्म हुआ। मौर्य साम्राज्य को नया वंशज मिल गया लेकिन दुर्धरा की मृत्यु हो गई।

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