अकबर का किला कहां स्थित हैं?

अकबर का किला अजमेर में स्थित पश्चिमोन्मुखी किला हैं. वैसे तो अकबर ने कई किलों का निर्माण करवाया लेकीन इस लेख में हम अकबर के अजमेर स्थित किले के बारे में पढ़ेंगे. मुगल शासक अकबर ने सन 1570 ईस्वी में इस किले का निर्माण करवाया था. इस किले के दरवाज़े बहुत बड़े हैं साथ ही इसमें 4 बुर्ज भी बने हुए हैं.

अकबर का किला अजमेर में स्थित हैं और वर्तमान में यह एक सरकारी संग्रहालय भी है. इस संग्रहालय में प्राचीन सिक्के, कवच, मूर्तियां और पुरानी पेंटिंग्स रखी गई हैं. इस किले के निर्माण में लगभग 3 वर्ष का समय लगा.

अकबर का किला अजमेर- इतिहास और संक्षिप्त परिचय

किसने बनवाया- मोहम्मद अकबर.
कहां पर स्थित हैं- अजमेर (राजस्थान).
निर्माण वर्ष- 1570 ईस्वी.
बनाने में समय - 3 वर्ष.

वैसे तो अकबर की राजधानी आगरा थी लेकिन उसने अजमेर में भी एक किले का निर्माण कराया. अकबर के किले का नाम से मशहूर यह किला अब एक राजकीय संग्रहालय बन चुका हैं. मुग़ल बादशाह अकबर का किला नया बाजार अजमेर में स्थित हैं. इस किले अर्थात् संग्रहालय में आज प्राचीन समय के सिक्के, पुरानी पेंटिंग्स, प्राचीन मूर्तियां और युद्ध में काम आने वाले कवच मौजुद हैं.

अकबर ने इस किले का निर्माण सिर्फ उसके ठहरने के लिए करवाया क्योंकी वह समय समय पर ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर आया करता था. इसलिए इस किले को कोई अन्य नाम नहीं देकर अकबर का किला के नाम से प्रसिद्ध हुआ.

जब अंग्रेज भारत में आए तो सबसे पहले उन्होंने अकबर के किले से व्यापार की अनुमति मांगी, यह जनवरी 1616 की बात थी. इतिहासकार बताते हैं कि 10 जनवरी 1616 को अंग्रेज राजदूत थॉमस रॉ इस किले में जहांगीर से मिला और अंग्रेजी व्यापार के लिए मंजूरी मांगी. 1818 ईस्वी में अंग्रेज़ों ने इस किले पर अपना अधिकार कर लिया और राजपूताना शास्त्रागार के रूप में उपयोग करने लगे. बाद में अकबर के किले को “मैगजीन” के नाम से जाना जाने लगा.

जहांगीर ने सन 1613 से 1616 के मध्य इसी किले से सैन्य अभियानों का संचालन किया था. आम जनता को इसी किले में बने झरोखों से लोगों का अभिवादन स्वीकार करता था.

हल्दीघाट युद्ध और “अकबर का किला” का सम्बन्ध

महाराणा प्रताप और अकबर की सेना के बिच हल्दीघाटी के मैदान में ऐतिहासिक युद्ध लड़ा गया जिसमें महाराणा प्रताप ने अकबर को बुरी तरह पराजीत किया था. इस युद्ध में महाराणा प्रताप की जीत के प्रमाण मौजुद हैं. अकबर का किला ही वह स्थान हैं जहां पर हल्दीघाटी के युद्ध का अन्तिम प्रारूप तैयार किया गया था.

जब अंग्रेजों के अधीन हुआ अकबर का किला

यह 1818 ईस्वी की बात है भारत में व्यापारिक उद्देश्य से आने वाले अंग्रेज़ों ने इस किले को अपने नियंत्रण में ले लिया. नियंत्रण में लेने के बाद इसको राजपूताना शस्त्रगार के रूप में उपयोग में लिया. इसके निर्माण से ही इसका स्वरूप बदलता रहा. बाद में सन 1908 ईस्वी में यह किला संग्रहालय में तब्दील हो गया. राजपूत और मुग़ल शैली से निर्मित छठी और सातवीं शताब्दी की कई मूर्तियां इसमें मौजुद हैं.

संगमरमर से बनी काले रंग की कालिका माता की मूर्ति यहां पर सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अकबर का किला, अजमेर का किला के नाम से जाना जाता हैं.

अकबर का किला या अजमेर का किला से सम्बन्धित मुख्य बिंदु

1. अकबर का किला 1570 ईस्वी में बना था.

2. यह अजमेर के मध्य में स्थित हैं, पश्चिम मुखी किला हैं, जिसके निर्माण में लगभग 3 वर्षों का समय लगा.

3. मुस्लिम दुर्ग पद्धति से बना राजस्थान का यह एकमात्र किला हैं.

4. 1576 ईस्वी में हल्दीघाटी के मैदान में महाराणा प्रताप और अकबर के बिच जो युद्ध लड़ा गया उसकी रूपरेखा इसी किले में बनी.

5. मुग़ल बादशाह जहांगीर महाराणा अमर सिंह को पराजीत करने के लिए मेवाड़ आया उसके बाद वह 3 वर्षों तक इसी किले में रुका.

6. अकबर का किला जब जहांगीर के अधीन आया तब वह इसके झरोखें से लोगों को दर्शन दिया करता था इसीलिए इसके प्रथम दरवाजे को जहांगीर दरवाजे के नाम से जाना जाता हैं.

7. ब्रिटिश सम्राट जेम्स के राजदूत सर टॉमस द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी को भारत में व्यापार की अनुमति दिलाने के लिए इसी किले में आना पड़ा था.

8. वर्तमान में अकबर का किला सरकारी संग्रहालय में तब्दील हो चुका हैं.

यह भी पढ़ें –

महाराणा प्रताप और मीराबाई का सम्बन्ध?

गिन्नौरगढ़ का किला- इतिहास।

Blogger द्वारा संचालित.