जयपुर में किले || Fort In Jaipur
जयपुर एक ऐतिहासिक शहर हैं जिसे पिंक सिटी के नाम से भी जाना जाता हैं. अपने स्वर्णिम इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य की वजह से यह विश्व विख्यात हैं. जयपुर में मुख्य रूप से 3 ऐतिहासिक किले हैं जो जयपुर की महानता का गुणगान करते हुए सीना तान कर खड़े है. जयपुर में आमेर का किला, जयगढ़ फोर्ट और नाहरगढ़ फोर्ट मुख्य किले हैं (Fort In Jaipur) जिनका विस्तृत वर्णन इस लेख में किया गया हैं.
जयपुर में किले (Fort In Jaipur)
जयपुर के तीन मुख्य किले निम्नलिखित हैं-
आमेर का किला ( Amer Fort In Jaipur)–
आमेर के किले को “अम्बर किले” के नाम से भी जाना है. यह एक पहाड़ी पर स्थित है और जयपुर शहर से लगभग 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. जयपुर में फोर्ट की बात की जाए तो यह सबसे बड़ा और प्रसिद्ध फोर्ट है, जिसका निर्माण 1592 ईस्वी में राजा मानसिंह प्रथम द्वारा करवाया गया था. संगमरमर और लाल बलुआ पत्थर से निर्मित आमेर का किला “आमेर पैलेस” के नाम से भी जाना जाता है.
अरावली की पहाड़ियों पर स्थित आमेर का किला हिंदू-राजपूताना वास्तु शैली से निर्मित है. आमेर के किले का इतिहास बताता है कि यह सूर्यवंशी कछवाहों की राजधानी भी हुआ करता था, जिसका निर्माण मीनास नामक जनजाति द्वारा करवाया गया. आमेर का किला पहले “कदीमी महल” के नाम से भी जाना जाता था. इस किले का नामकरण मां दुर्गा के नाम अंबा पर हुआ है. यह जयपुर में किलों का सिरमौर हैं.
दर्शनीय स्थल
दीवान-ए-आम–
यह एक भव्य होल हैं, जिसमें राजाओं द्वारा आम जनता की समस्याएं सुनी जाती थी और उनका समाधान किया जाता था. इसका निर्माण राजा जयसिंह द्वारा करवाया गया था. इसमें 40 खंभे हैं जो बहुत ही सुंदर है जिन पर कई सुंदर मूर्तियां बनी हुई है.
शीशमहल–
शीश महल का निर्माण कई सुंदर दर्पण से किया गया है. इसकी खासियत यह है कि जब भी इसके अंदर प्रकाश की किरणें पड़ती है, पूरा हॉल रोशनीमयी हो जाता है. एक मोमबत्ती से भी इस महल को प्रकाशित किया जा सकता है.
सुख निवास–
अद्भुत कलाकारी और बेहतरीन नक्काशी के लिए प्रसिद्ध सुखनिवास दीवाने खास के जस्ट सामने बना हुआ है, जिसका निर्माण संभवतया राजा अपनी रानियों के साथ समय व्यतीत करने के लिए किया था. यह आमेर के किले के मुख्य आकर्षणों में से एक हैं, इसके दरवाजे चंदन से बने हुए है.
गणेश पोल–
गणेश पोल आमेर के किले में एक द्वार है जो बहुत सुंदर है. इसके ऊपरी सिरे पर भगवान गणेश जी की एक छोटी मूर्ति भी स्थापित की गई है. जब भी राजा युद्ध जीतकर आते थे तब इस द्वार से प्रवेश करते, जहां पर पुष्प वर्षा के साथ उनका स्वागत किया जाता था.
उपरोक्त वर्णित मुख्य आकर्षणों के अतिरिक्त आमेर के किले में चांदपोल दरवाजा, दिल आराम बाग, देवी शिला माता मंदिर, दीवान ए खास आदि दर्शनीय है.
जयगढ़ किला (Jaigarh Fort In Jaipur)
जयपुर के किलों में जयगढ़ किले का भी विषेश महत्व है. यह अरावली की पहाड़ियों पर निर्मित है. इसका निर्माण जयसिंह द्वितीय द्वारा 1726 ईस्वी में करवाया गया था. इस फोर्ट को “विजयी किले” या “जयवैन” के नाम से भी जाना जाता हैं. इस किले की लंबाई उत्तर से दक्षिण की ओर 3 किलोमीटर और चौड़ाई 1 किलोमीटर हैं.
जयगढ़ किले के शीर्ष पर एक बहुत विशाल तोप रखी गई है, जिसे दुनिया की सबसे बड़ी तोप माना जाता है. इसका वजन लगभग 50 टन है और इस तोप का नाम जयवैन है. इस किले का डिजाइन विद्याधर नामक वास्तुकार ने तैयार किया था.
नाहरगढ़ किला (Nahargarh Fort In Jaipur)
700 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह किला प्रारंभ में “सुदर्शनगढ़” के नाम से जाने जाना वाला यह किला वर्तमान में नाहरगढ़ के नाम से जाना जाता है, जिसका मतलब होता है शेरों का निवास स्थान. इस किले के निर्माण के लिए जगह देने वाले नाहर सिंह भोमिया के नाम पर भी इस किले को नाहरगढ़ के नाम से जाना जाता है.
सन 1734 ईसवी में महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय द्वारा निर्मित यह किला बहुत अद्भुत है. इस किले के बारे में कहा जाता है कि इस पर कभी किसी ने आक्रमण नहीं किया.
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