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मराठा इतिहास का प्रत्यक्ष प्रमाण हैं "Jedhe shakawali" जानें क्या हैं इसमें

जेधे शाकावली (Jedhe shakawali) या जेधे क्रोनोलॉजी (Jedhe Chronology) क्या हैं पुणे जिले के भोर के पास स्थित गांव कारी के जेधे देशमुख द्वारा, 1618 से 1697 ईस्वी के बीच घटित घटनाओं का रिकॉर्ड सुरक्षित रखा गया है। जेधे शाकावली (Jedhe shakawali) मराठा साम्राज्य के प्रारंभिक काल के राजनीतिक इतिहास के लिए मूल्यवान स्रोत के रूप में जाना जाता है। इस दस्तावेज़ (जेधे शाकावली Jedhe shakawali) को पहली बार बी.जी. तिलक द्वारा एडिट किया गया और  भारत इतिहास संशोधक  मंडल द्वारा प्रकाशित किया गया था। जेधे शाकावली (Jedhe shakawali के अनुसार जेधे, खोपदेस, बंदल और नाइक और निम्बालकर मावल के प्रमुख देशमुख थे। इनमें से जेधे (कारी,Kaari) वर्तमान में भोर के “राहिद खोरा” के देशमुख थे। इस क्षेत्र में आधुनिक पुणे जिले के समीप स्थित प्राचीन किलो में से रायेश्वर का किला और रोहिडेश्वर का क़िला शामिल हैं। जो कि पुणे से लगभग 48 किलोमीटर की दूरी पर भोर के दक्षिण में स्थित है। Kanhoji Jedhe को इस परिवार का मुख्य संस्थापक माना जाता है। क्योंकि इनके साथ साथ इनके पुत्र बाजी सरजेराव जेधे ने 17 वीं ...

What Is Jedhe Karina || जेधे करीना स्टेटमेंट क्या हैं, पढ़ें

Jedhe Karina (जेधे करीना) और जेधे स्टेटमेंट एक ऐसा रिकॉर्ड हैं जिसमें जेधे देशमुख परिवार द्वारा किए गए कार्यों का ब्यौरा मिलता हैं। ये परिवार कारी गाँव (kaari village ) भोर तालुका जो वर्तमान में पुणे के समीप स्थित हैं का रहने वाला था। इस रिकॉर्ड में 1626 से लेकर 1689 तक लगभग 65 वर्षों का लेखा-जोखा मिलता हैं। इतना ही नहीं मराठा साम्राज्य की प्रारंभिक स्थिति के साथ-साथ यह स्टेटमेंट (Jedhe Karina) यह भी दर्शाता है कि कैसे धीरे-धीरे जेधे देशमुख परिवार समृद्ध और मराठा साम्राज्य के प्रति समर्पित होता गया। जेधे देशमुख परिवार का अस्तित्व और इतिहास Jedhe Karina के अनुसार जेधे, खोपदेस, बंदल और नाइक और निम्बालकर मावल के प्रमुख देशमुख थे। इनमें से जेधे (कारी,Kaari) वर्तमान में भोर के “राहिद खोरा” के देशमुख थे। इस क्षेत्र में आधुनिक पुणे जिले के समीप स्थित प्राचीन किलो में से रायेश्वर का किला और रोहिडेश्वर का क़िला शामिल हैं। जो कि पुणे से लगभग 48 किलोमीटर की दूरी पर भोर के दक्षिण में स्थित है। कारी गांव से संबंध रखने वाले भोर और पुणे के आसपास के क्षेत्रों में राजनीतिक क्षेत्र में अ...

History Of Kanhoji Jedhe || कान्होजी जेधे का इतिहास

कान्होजी नाईक जेधे देशमुख (Kanhoji Jedhe Naik Deshmukh) 17 वीं शताब्दी में मराठा सेना में सरदार थे। इतना ही नहीं शाहजी और उनके पुत्र शिवाजी के सबसे विश्वसनीय सहयोगीयों में से एक थे। जिन्हें 1674 ईस्वी में मराठा साम्राज्य की कमान सौंपी गई थी। कान्होजी जेधे का इतिहास (Kanhoji Jedhe Naik Deshmukh History In Hindi ) kanhoji jedhe history in marathi में उपलब्ध हैं, लेकिन हिन्दी पाठकों के लिए यह आर्टिकल उपयोगी साबित हो सकता हैं। कान्होजी नाईक जेधे देशमुख के स्वामित्व में पुरा “रोहिद खोरा” था। जिसमें पुणे (महाराष्ट्र) के पास स्थित रायेश्वर का किला और रोहिडेश्वर का क़िला शामिल था जो वर्तमान में भोर तालुका में स्थित है। कान्होजी जेधे भगवान् भोलेनाथ के बहुत बड़े भक्त थे। kanhoji jedhe history की बात की जाए तो इनका परिवार शुरू से ही राष्ट्र भक्त और देश सेवा में तत्पर था। एक छोटे से भूभाग पर देशमुखों द्वारा राज किया जा रहा हैं। कान्होजी जेधे द्वारा सभी प्राशसनिक कार्यों को उनके मूल स्थान कारी ( Kaari) से नियंत्रित किया जाता था। इतना ही नहीं कान्होजी जेधे सभी देशमुख महानुभावों के बीच वि...

kanhoji angre सरखेल कान्होजी आंग्रे का इतिहास और जीवन परिचय

kanhoji angre (कान्होजी आंग्रे) मराठा साम्राज्य की नौसेना के सर्वप्रथम सेनानायक थे। इन्हें समुंद्र के शिवाजी के नाम से भी जाना जाता है। कान्होजी आंग्रे का संक्षिप्त परिचय (who was kanhoji angre) पूरा नाम full name – सकल राजकार्य धुरंधर विश्वासनिधि राजमान्य राजेश्री कान्होजी आंग्रे सरखेल। अन्य नाम other names – सरखेल आंग्रे, समुंद्र के शिवाजी, सरखेल कान्होजी आंग्रे दरियासारंग, conajee Angria. जन्मतिथि kanhoji angre date of birth – 1669 जन्म स्थान kanhoji angre birth place -सुवर्नादुर्ग,रत्नागिरी महाराष्ट्र। मृत्यु तिथि kanhoji angre died – 4 जुलाई 1729 ई. मृत्यु स्थान kanhoji angre death place – अलीबाग, महाराष्ट्र। पिता का नाम kanhoji angre father’s name – तुकोजी। माता का नाम kanhoji angre mother’s name – अंबाबाई। पत्नियां kanhoji angre wife’s name – मथुराबाई, लक्ष्मीबाई, गहिनाबाई। बच्चे kanhoji angre family tree – सेखोजी, संभाजी, तुलाजी, मानाजी, यासाजी, धोंडज। पद/उपाधि Rank or title – सरखेल या नौसेना अध्य...

Baji Prabhu Deshpande Quotes जो आपका जीवन बदल सकती हैं

महान मराठा सरदार बाजी प्रभु देशपांडे का जीवन बहुत ही प्रेरणादायक रहा। Baji Prabhu Deshpande quotes aur Baji Prabhu Deshpande Status पढ़ने के लिए यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता हैं। इन्होंने अपनी दूरदर्शिता से छत्रपति शिवाजी महाराज की राह आसान बनाई। इनके जीवन और कार्यों से एक आम आदमी बहुत कुछ प्राप्त कर सकता हैं। इनके उच्च विचारों और आदर्शों से motivation मिलता हैं। Baji Prabhu Deshpande quotes Hindi 1. जब बाजी प्रभु देशपांडे युद्ध मैदान में होते थे तो उनका पूरा फोकस सिर्फ दुश्मनों को खत्म करने पर होता था। अतः जीवन में जो भी काम करो पूरे फोकस के साथ करो। Baji Prabhu Deshpande Quotes 2. लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपनी जान तक की प्रवाह नहीं करनी चाहिए क्योंकि अगर लक्ष्य प्राप्त नहीं हुआ तो जीवन व्यर्थ है। Baji Prabhu Deshpande Quotes 3. बाजी प्रभु देशपांडे ने युद्ध कौशलता निरंतर प्रयास करने के बाद हासिल की, किसी काम में परफेक्ट बनने के लिए अभ्यास बहुत जरूरी है। Baji Prabhu Deshpande Quotes 4. मरने के बाद भी अगर लोग आपको याद करें तो आपका जीवन सार्थक है। Baji Prabhu Deshpande Quotes 5...

बाजी प्रभु देशपांडे का इतिहास (History Of Baji Prabhu Deshpande)

बाजी प्रभु देशपांडे ( Baji Prabhu Deshpande ) मराठी सेना में एक वीर सैनिक थे जिन्होंने अकेले 100 से अधिक मुगल सैनिकों को मौत के घाट उतारा था। छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ हमेशा ढाल बन कर रहे। बाजी प्रभु देशपांडे के लिए कहते हैं कि कोई भी सैनिक अकेला इनका सामना नहीं कर पाता था। बाजी प्रभु देशपांडे जीवन परिचय (Baji Prabhu Deshpande Story In Hindi) पूरा नाम Full name – बाजी प्रभु देशपांडे। जन्मतिथि Baji Prabhu Deshpande birthdate – 1615 ई. जन्म स्थान Baji Prabhu Deshpande birth palace – भोर तालुक पुणे, मावल प्रांत (महाराष्ट्र). मृत्यु Baji Prabhu Deshpande died – 1660 ई. मृत्यु स्थान Baji Prabhu Deshpande death place – कोल्हापुर, महाराष्ट्र. पिता का नाम Baji Prabhu Deshpande father’s name – अज्ञात. माता का नाम Baji Prabhu Deshpande mother’s name – अज्ञात. पत्नी का नाम Baji Prabhu Deshpande wife’s name – अज्ञात. वंश – चंद्रसेनीय कायस्थ (प्रभु वंश). धर्म religion – हिंदू सनातन. पद – छत्रपति शिवाजी महाराज के ...

नीलकंठ वर्णी (Nilkanth varni) का इतिहास व कहानी

Nilkanth varni अथवा स्वामीनारायण (nilkanth varni history in hindi) का जन्म उत्तरप्रदेश में हुआ था। नीलकंठ वर्णी को स्वामीनारायण का अवतार भी माना जाता हैं. इनके जन्म के पश्चात्  ज्योतिषियों ने देखा कि इनके हाथ और पैर पर “ब्रज उर्धव रेखा” और “कमल के फ़ूल” का निशान बना हुआ हैं। इसी समय भविष्यवाणी हुई कि ये बच्चा सामान्य नहीं है , आने वाले समय में करोड़ों लोगों के जीवन परिवर्तन में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहेगा इनके कई भक्त होंगे और उनके जीवन की दिशा और दशा तय करने में नीलकंठ वर्णी अथवा स्वामीनारायण का बड़ा योगदान रहेगा। हालाँकि भारत में महाराणा प्रताप , छत्रपति शिवाजी महाराज और पृथ्वीराज चौहान जैसे योद्धा पैदा हुए ,मगर नीलकंठ वर्णी का इतिहास सबसे अलग हैं। मात्र 11 वर्ष कि आयु में घर त्याग कर ये भारत भ्रमण के लिए निकल पड़े। यहीं से “नीलकंठ वर्णी की कहानी ” या फिर “ नीलकंठ वर्णी की कथा ” या फिर “ नीलकंठ वर्णी का जीवन चरित्र” का शुभारम्भ हुआ। नीलकंठ वर्णी कौन थे, स्वामीनारायण का इतिहास परिचय बिंदु परिचय नीलकंठ वर्णी का असली न...

शिवाजी तृतीय (Shivaji III) का इतिहास

शिवाजी तृतीय (Shivaji III) कोल्हापुर के राजा थे जिन्होंने 22 सितंबर 1762 से लेकर 24 अप्रैल 1813 तक शासन किया था। Shivaji III कौन थे? पूरा नाम full name of Shivaji III – शिवाजी तृतीय भोंसले। जन्मतिथि Shivaji III date of birth- 1756 ई. मृत्यु तिथि- 24 अप्रैल 1813. पिता का नाम Shivaji III fathers name- संभाजी II (Sambhaji dwitiya). दादा का नाम- राजाराम प्रथम । दादी का नाम- राजसबाई। शासन अवधि- 22 सितंबर 1762 से 24 अप्रैल 1813. शासन क्षेत्र- कोल्हापुर । राजवंश- भोंसले राजपरिवार (Bhonsle Rajvansh). प्राचीन भारतीय इतिहास को उठाकर देखा जाए तो ज्यादातर राजा और महाराजाओं का नाम उनसे पूर्व महान राजाओं के नाम पर ही नामकरण किया जाता था। शिवाजी तृतीय राजपरिवार में जन्म लेने की वजह से बचपन से ही शासन कार्यों में निपूर्ण थे। इन्हें युद्ध कौशल ,प्रशासनिक कार्यों का ज्ञान बचपन से ही था। मराठा साम्राज्य में छत्रपति शिवाजी महाराज बहुत ही वीर और शक्तिशाली राजा थे जिन्होंने ना सिर्फ मराठा साम्राज्य को मजबूत किया बल्कि मराठा साम्राज्य के विस्तार और हिंदुत्व की विचारधारा को विस्तार दिया था। इन्हीं के पर...

छत्रपति शिवाजी द्वितीय (Shivaji II) का इतिहास

शिवाजी द्वितीय (Shivaji II) मात्र 4 वर्ष की आयु में मराठा साम्राज्य के चौथे छत्रपति बने। इनका कार्यकाल सन 1700 ई. लेकर 1707 ई. तक रहा। मराठा शिवाजी द्वितीय (Shivaji II) का जीवन परिचय पूरा नाम Full Name – छत्रपति शिवाजी भोंसले द्वितीय (शिवाजी राजाराम भोंसले). जन्मतिथि Shivaji II date of birth – 6 जून 1696. जन्म स्थान Shivaji II birth place – जिंजी। मृत्यु तिथि Shivaji II Died – 14 मार्च 1726. मृत्यु स्थान death place – रायगढ़ फोर्ट। मृत्यु के समय आयु age – 29 वर्ष 10 माह। मृत्यू की वजह – चेचक रोग। पिता का नाम Shivaji II Father’s name – छत्रपति राजाराम प्रथम । माता का नाम Shivaji II mother’s name – ताराबाई । पत्नी का नाम Shivaji II wife’s name – अज्ञात। बच्चे children – राजाराम II. राज्याभिषेक – 1700 ई. शासन अवधि – 1700 से 1707. इनसे पूर्ववर्ती छत्रपति – राजाराम प्रथम । इनके बाद छत्रपति – छत्रपति शाहूजी महाराज । साम्राज्य – मराठा साम्राज्य। धर्म Religion – Hindu Sanatan...

Guru Gobind Singh Quotes In Hindi गुरु गोबिंद सिंह के उपदेश

गुरु गोबिंद सिंह ( Guru Gobind Singh Quotes ) सिखों के 10 वें गुरु थे। इनके पिता का नाम तेगबहादुर था। गुरु गोबिंद सिंह महान योद्धा, कवि, आध्यात्मिक नेता भी थे। गुरू गोबिंद सिंह के जीवन से सभी को शिक्षा मिलती हैं। इनके बताए रास्ते पर चलकर व्यक्ति जीवन जीने कि कला के साथ साथ सफ़लता का मार्ग भी प्रशस्त कर सकता हैं। पुरा नाम- गुरू गोबिंद सिंह जन्म तिथि- 22 दिसम्बर 1666. मृत्यू तिथि- 7 अक्टूबर1708. Guru Gobind Singh Quotes In Hindi Guru Gobind Singh Quotes या गुरू गोबिंद सिंह उपदेश थे उनको इस आर्टिकल के माध्यम से हम ( Guru Gobind Singh Quotes In Hindi ) में पढ़ेंगे। 1 सवा लाख से एक लड़ाऊं, चिड़ियन ते मैं बाज लड़ाऊं, तबैं  गुरु गोबिंद सिंह नाम कहाऊ। 2 शांतिपूर्ण जीवन यापन करने के लिए अपने अन्दर के अहंकार का अंत करना पड़ेगा। 3 कोई भी व्यक्ति स्व-स्वार्थ को त्याग कर ही अपने अन्दर शांति और आराम कि अनुभूति कर सकता हैं। 4 सत्कर्म करने वाले को सच्चा गुरु मिलेगा। गुरु की कृपा से ही परमात्मा मिलेंगे और उनका आशीर्वाद प्राप्त होगा। 5  तंबाकू और ऐसे नशीले पदार्थों का सेवन कभी नहीं करें, जो शरीर क...

History Of Chhatrapati Shahuji Maharaj || छत्रपति शाहूजी महाराज का इतिहास

Chhatrapati Shahuji Maharaj मराठा साम्राज्य के पूर्ववर्ती सम्राट संभाजी महाराज के पुत्र थे। छत्रपति शिवाजी इनके दादाजी थे। 1708 से लेकर 1749 तक इन्होंने शासन किया था। Chhatrapati Shahuji Maharaj जीवन परिचय पूरा नाम Full name – श्रीमंत छत्रपति शाहूजी महाराज भोंसले। जन्म तिथि Shahuji Maharaj Date of Birth – 18 मई 1682. जन्म स्थान Shahuji Maharaj Birth place – सतारा, महाराष्ट्र। मृत्यु shahuji maharaj Died – 15 दिसम्बर 1749.   मृत्यू के समय आयु – 67 वर्ष। मृत्यु स्थान Shahuji Maharaj Death place – सतारा। पिता का नाम Shahuji Maharaj Father’s name – छत्रपति संभाजी महाराज। माता का नाम Shahuji Maharaj Mother’s name – येसुबाई (Yesubai). पत्नी का नाम Shahuji Maharaj wife’s name- (1) सावित्रीबाई(Savitribai) (2) अंबिकाबाई (ambikabai) (3) सकवारबाई ( sawarkarbai ) (4) सुगनाबाई (sugnabai) पुत्र और पुत्रियां Shahuji Maharaj Son – राजाराम द्वितीय, पार्वतिबाई। राज्याभिषेक Coronation of shahuji maharaj – 12 जनवरी 1708. धर्म ...