पद्मिनी महल चित्तौड़गढ़ इतिहास || History Of Padmini Mahal
पद्मिनी महल चित्तौड़गढ़ इतिहास (Padmini Mahal)– राजस्थान के मुख्य पर्यटन स्थानों में शामिल, रावल रतन सिंह और महारानी पद्मिनी के प्रेम की निशानी पद्मिनी महल (Padmini Mahal) आज भी सीना तान कर खड़ा हैं। पद्मिनी महल (पदमनी महल) की सुंदरता और भव्यता पर्यटकों का मन मोह लेती है। जब बप्पा रावल के अंतिम वंशज रावल रतन सिंह ने महारानी पद्मिनी से शादी की, उसके बाद इस महल का निर्माण 1301 ईस्वी में करवाया गया था।
700 वर्षों से अधिक का समय बीत चुका हैं लेकिन महारानी पद्मिनी और रावल रतन सिंह के प्रेम की निशानी कहे जाने वाला पद्मिनी महल (Padmini Mahal) आज भी खड़ा है।
पद्मिनी महल कि जानकारी (History Of Padmini Mahal)
निर्माण वर्ष | 1301 ईस्वी |
अन्य नाम | जनाना महल और कमल का फूल |
निर्माण किसने करवाया | रावल रतन सिंह |
किसके लिए निर्माण करवाया | महारानी पद्मिनी के लिए |
कहां स्थित हैं | चितौड़गढ़ दुर्ग पर |
ज़िला | चित्तौड़गढ़ |
राज्य | राजस्थान (भारत) |
पद्मिनी महल (Padmini Mahal) एक तालाब के बीचोबीच बना एक 3 मंजिला भव्य महल हैं, जिसकी खूबसूरती देखते ही बनती हैं। जिस तालाब में इसका निर्माण करवाया गया है उसका नाम “पद्मिनी तालाब” हैं।
इस भव्य महल और तालाब दोनों का नामकरण महारानी पद्मिनी के नाम पर हुआ हैं। पद्मिनी तालाब के उत्तरी छौर पर स्थित यह महल आकार में जितना छोटा हैं, दिखने में उतना ही अधिक सुन्दर भी हैं।
यह महल “जनाना महल” के नाम से भी विख्यात हैं। इसके पास में मरदाना महल भी मौजुद हैं। मरदाना महल में 4 कांच लगे हुए थे जिन्हें अब हटा दिया गया है। यहां से पद्मिनी महल (Padmini Mahal) की सीढ़ियों का प्रतिबिंब कांच की मदद से आसानी से पानी में देखा जा सकता हैं।
ज्यादातर समय तो पद्मिनी महल (Padmini Mahal) के चारों तरफ पानी भरा रहता है लेकिन जब गर्मियों के दिनों में पानी सूख जाता है तब इस महल के पास जाकर इसे देखा जा सकता है। साथ ही इसके कमरे बंद पड़े हैं जिसमें जाना मना है।
पद्मिनी महल की वास्तुकला
पद्मिनी महल (Padmini Mahal) की वास्तुकल बहुत ही आकर्षक और सुंदर है। फ़ारसी शैली की वास्तु कला पर आधारित पद्मिनी महल जिसमें पत्थर की सीढ़ियां अन्दर की तरफ़ लेकर जाती हैं।बंद पड़े इस महल को तनिक भी खरोंच नहीं आई है।
क्या आप पद्मिनी महल घूमना चाहते हैं?
चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र माना जाने वाला पद्मिनी महल (Padmini Mahal) सुबह 8:00 बजे से लेकर शाम 6:00 बजे तक खुला रहता है।
पद्मिनी महल (Padmini Mahal) देखने के लिए अलग से कोई चार्ज या शुल्क नहीं लिया जाता है। एक बार शुल्क देकर आप संपूर्ण किले के सभी स्थानों को आसानी के साथ भ्रमण कर सकते हैं।
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दोस्तों उम्मीद करते हैं पद्मिनी महल चित्तौड़गढ़ इतिहास पर आधारित यह लेख आपको अच्छा लगा होगा धन्यवाद।
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