कादम्बिनी गांगुली जीवनी और इतिहास
कादम्बिनी गांगुली भारत पहली स्नातक और फिजिशियन महिला थी। कादम्बिनी का अर्थ होता हैं “बादलों की एक सरणी”. इनका जन्म ब्रिटिश कालीन भारत के भागलपुर (बिहार) में हुआ था। kadambini ganguly भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में सबसे पहले भाषण देने का मौका मिला था। यूरोपियन मेडिसिन में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली कादम्बिनी गांगुली पहली दक्षिण एशियाई महिला थी।
खदानों में काम करने वाली महिलाओं से लेकर भारत के स्वतंत्रता सेनानी के रुप में काम किया। बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय की रचनाओं से प्राभावित होकर इनमें राष्ट्र के प्रति प्रेम जागा।रूढ़िवादी लोगों द्वारा इनका बहुत विरोध किया गया लेकिन इन्होंने हार नहीं मानी और निरंतर अपने क्षेत्र में कार्य करती रही।

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कादम्बिनी गांगुली कौन थी?
कादम्बिनी गांगुली कौन थी? यह एक बहुत ही दिलचस्प कहानी है। यह उस समय कि बात हैं जब भारत में कुछ रूढ़िवादी लोग महिला शिक्षा के खिलाफ़ थे। ऐसे समय में जब कोई महिला स्नातक की डिग्री हासिल कर ले तो एक बहुत बड़ी बात होती हैं, वह भी फिजिशियन में।
कादम्बिनी गांगुली को भारत की प्रथम स्नातक और फिजिशियन महिला होने का गौरव प्राप्त है। बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय की रचनाओं से प्राभावित होकर कादम्बिनी गांगुली ने भारत की स्वतंत्रता के लिए काम किया। इन्होंने ब्रह्म समाज के नेता और समाजसुधारक द्वारकानाथ गांगुली से विवाह किया।
कोलकाता में जन्म लेने वाली कादम्बिनी गांगुली का निधन भी कोलकाता में ही 1923 को हुआ। संक्षिप्त में यह तो आप जान चूके है कि कादम्बिनी गांगुली कौन थी? अब हम कादम्बिनी गांगुली की जीवनी और कादम्बिनी गांगुली का इतिहास पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
कादम्बिनी गांगुली की जीवनी (History Of kadambini ganguly)
- नाम- कादम्बिनी गांगुली।
- जन्मतिथि– 18 जुलाई 1861 ईस्वी।
- जन्म स्थान- भागलपुर,बिहार (भारत).
- शिक्षा- बेथुने कॉलेज, कलकत्ता।
- मृत्यूतिथि- 3 अक्टूबर 1923 ईस्वी।
- मृत्यु स्थान- कलकत्ता (Kolkata).
- पिता का नाम- बृजकिशोर बासु.
- पति का नाम- द्वारकानाथ गांगुली।
- संताने- निरुपमा हलदार, निर्मल चंद्र गांगुली, प्रफुल्ल चंद्र गांगुली, ज्योतिर्मयी गांगुली, प्रभात चंद्र गांगुली, अमल चंद्र गांगुली, हिमानी गांगुली, जयंती बर्मन। इनके अलावा इन्होंने एक पुत्र और पुत्री भी गोद ले रखे थे जिनके नाम क्रमशः बिधुमुखी देवी और सतीश चन्द्र गंगोपाध्याय।
- प्रसिद्धि की वजह- भारत की पहली महिला फिजीशियन और पहली महिला स्नातक होने की वजह से प्रसिद्ध है।
दसी जो कि अब बांग्लादेश (बारीसाल) में हैं, कादम्बिनी गांगुली का परिवार इसी जगह से था। कदंबिनी गांगुली के पिता बृज किशोर उदार विचारों के व्यक्ति थे, उस समय महिला शिक्षा को घृणा की नजर से देखा जाता था, लेकिन फिर भी बृज किशोर जी ने अपनी बेटी की शिक्षा पर बहुत ध्यान दिया और यही वजह रही कि सन 1882 ईस्वी में कोलकाता विश्वविद्यालय से कादंबिनी गांगुली ने बीए की परीक्षा पास की।
बीए की डिग्री मिलने के बाद भी कादम्बिनी गांगुली रुकी नहीं और 4 साल बाद वर्ष 1886 में कोलकाता विश्वविद्यालय से ही चिकित्सा शास्त्र की डिग्री प्राप्त की, ऐसा करने वाली वह भारत की पहली महिला थी।
पिता से सलाह मशवरा करने के पश्चात उच्च शिक्षा के लिए कादम्बिनी गांगुली को विदेश जाना पड़ा। कहते हैं कि जब किसी के सर पर पिता का हाथ होता है तो उसे बुलंदियां छूने से कोई नहीं रोक सकता। जोश, जुनून और जज्बा कई गुना बढ़ जाता है, कादम्बिनी गांगुली के साथ भी ऐसा ही हुआ।
ग्लासगो विश्वविद्यालय और एडिनबर्ग विश्वविद्यालय से चिकित्सा के क्षेत्र में उच्च डिग्रियां हासिल की। यह संपूर्ण भारत की महिलाओं के लिए गौरव का समय था, जब 19वीं सदी में पहली महिला डॉक्टर के रूप में भारत को कादम्बिनी गांगुली मिली।
ना सिर्फ भारत बल्कि संपूर्ण साउथ एशियन क्षेत्र की एकमात्र महिला थी, जिन्होंने यूरोपियन मेडिसिन में प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके साथ ही कादम्बिनी गांगुली भारत की पहली महिला फिजिशियन बनने का गौरव प्राप्त किया।
कादम्बिनी गांगुली का जीवन परिचय बहुत लंबा चौड़ा है। अगर हम इनके व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो कादम्बिनी गांगुली ने ब्रह्म समाज के नेता द्वारकानाथ गंगोपाध्याय से विवाह किया। Dwarkanath Gangopadhyay महिलाओं के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए कई वर्षों से प्रयत्नशील थे। संपूर्ण भारत वर्ष में द्वारकानाथ गंगोपाध्याय महिलाओं की स्थिति में सुधार लाना चाहते थे। जब इनकी शादी कादम्बिनी गांगुली के साथ हुई तो इन्हें इस क्षेत्र में काम करने के लिए और अधिक प्रेरणा मिली।
भारत की स्वतंत्रता को लेकर देश में जगह-जगह कई आंदोलन हो रहे थे। महात्मा गांधी भी इन दिनों दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के विरुद्ध सत्याग्रह आंदोलन के चलते देश से बाहर थे। इस आंदोलन का समर्थन करने के लिए कादम्बिनी गांगुली ने कोलकाता में रहते हुए चंदा इकट्ठा किया। इसी समय दरमियान 1906 ईसवी में कोलकाता में कांग्रेस का एक महिला सम्मेलन हुआ, जिसकी अध्यक्षता कादम्बिनी गांगुली ने की।
दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह आंदोलन खत्म होने के पश्चात जब 1914 ईस्वी में महात्मा गांधी भारत आए। तब उनके सम्मान के लिए उन्हें कोलकाता बुलाया गया और एक विशाल सभा का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता भी कादम्बिनी गांगुली ने की। कादम्बिनी गांगुली के जीवन परिचय में शामिल यह सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियां बहुत महत्वपूर्ण थी।
कादम्बिनी गांगुली की आलोचना और विरोध
कादम्बिनी गांगुली के जीवन परिचय से पता चलता है कि जब यह भारत लौटी तब भारत में बड़ी तादाद में रूढ़िवादी लोग रहते थे जोकि पूर्ण रूप से महिला शिक्षा के खिलाफ थे। उनका मानना था कि महिलाओं का काम सिर्फ घर की चारदीवारी तक सीमित है, इसके बाहर कोई भी काम महिला द्वारा करना उचित नहीं है। इन सब चीजों के खिलाफ कादम्बिनी गांगुली ने अभियान चलाया तो रूढ़िवादी समाज द्वारा इन्हें बहुत बड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा।
इतना ही नहीं एक बंगाली पत्रिका जिसका “बंगबाशी” था, इस पत्रिका में एक लेख छपा और परोक्ष रूप से कादम्बिनी गांगुली के लिए वेश्या शब्द का इस्तेमाल किया गया। महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने वाली कादम्बिनी गांगुली के खिलाफ इस तरह की आलोचना और समस्याओं से आए दिन सामना होने लगा लेकीन वह भी हार मानने वालों में नहीं थी।
कादम्बिनी गांगुली के पति द्वारकानाथ गांगुली ने इस बात को लेकर थाने में एफ. आई. आर. दर्ज करवाई, मामला कोर्ट तक पहुंचा। अंततः द्वारकानाथ गांगुली की जीत हुई और उस पत्रिका के संपादक महेश पाल को 6 महीने की जेल की सजा सुनाई गई।
कादम्बिनी गांगुली की मृत्यु कैसे हुई?
कादम्बिनी गांगुली का जीवन परिचय और इतिहास बहुत ही गौरव पूर्ण रहा। kadambini ganguly ने संपूर्ण जीवन महिला उत्थान एवं महिलाओं के अधिकारों के लिए त्याग करने वाली और भारत की पहली महिला डॉक्टर कादम्बिनी गांगुली की मृत्यु ना सिर्फ उनके परिवार के लिए जबकि संपूर्ण भारत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति थी।
3 अक्टूबर 1923 में 62 वर्ष की आयु में कलकत्ता में ही इनका निधन हो गया। कादम्बिनी गांगुली की मृत्यु के पश्चात इनके जीवन पर अनेक धारावाहिक और कहानियां टेलीविजन पर प्रसारित की गई।
कादम्बिनी गांगुली की जीवनी पर आधारित “प्रोथोमा कादंबिनी” नामक धारावाहिक जो कि बंगाली टेलीविजन पर प्रसारित होता है बहुत लोकप्रिय हैं और लगभग 1 साल से प्रसारित किया जा रहा है।
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