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मकरासन योग क्या हैं? जानें करने का तरीका, फायदे, नुकसान और सावधानियाँ.

मकरासन योग को क्रोकोडाइल पोज़ के नाम से भी जाना जाता हैं. मकरासन एक योग हैं, जो पीठ दर्द, स्लिप डिस्क, जोड़ों के दर्द और तनाव को कम करता हैं. आज के समय में तनाव का हमारी ज़िन्दगी से गहरा नाता हो गया है, तनाव को दूर करने में सबसे अधिक प्रभावी आसन है मकरासन.

मकरासन आसन को आराम देने वाला और थकान दूर करने वाला आसान भी कहा जाता है क्योंकि यह हमारी बॉडी को बहुत आराम देता हैं. यह शवाशन का एक वैकल्पिक योग भी हैं. अन्य योग आसन से होने वाले खिंचाव को कम करने के लिए भी मकरासन योग क्रिया का सहारा लिया जाता हैं.

इस लेख में हम मकरासन का अर्थ, मकरासन योग करने का तरीका, मकरासन योग के फायदे और नुकसान के साथ-साथ यह भी जानेंगे कि मकरासन योग करते समय किन-किन सावधानियों का रखा जाना जरुरी हैं.

मकरासन का अर्थ ( Meaning Of Makarasana Yoga)

मकरासन में “मकर” शब्द का अर्थ मगरमच्छ होता हैं जो कि एक संस्कृत शब्द हैं. मकरासन योग करते समय हमारा शरीर मगरमच्छ के आकार में होता हैं इसलिए इस आसान को मकरासन के नाम से जाना जाता हैं. वहीं आसन का अर्थ मुद्रा (Pose) से हैं अतः मगरमच्छ की मुद्रा में बॉडी रहती हैं.

मकरासन योग क्या होता हैं? (What is Makarasan Yoga)

जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा कि मकरासन का अर्थ मगरमच्छ के आकार से हैं. मगरमच्छ पानी में आराम की मुद्रा में होता हैं तब जैसा दिखाई देता हैं ठीक वैसा ही हमारा शरीर मकरासन में दिखाई पड़ता हैं. इस आसन का अभ्यास करते समय एक दम शांत मुद्रा में जमीन पर लेटना पड़ता हैं. मकरासन में आँखें बंद करके श्वास की क्रिया की जाती हैं.

ऐसा करने से हमारी बॉडी और दिमाग एक दम शांत (Relax) हो जाते हैं, जिसके कारण दिमागी बिमारियों से राहत मिलती हैं. सिरदर्द से परेशान लोगों के लिए यह रामबाण साबित हो सकता हैं. इतना ही नहीं स्त्रियों को कमर दर्द में आराम मिलता हैं. मकरासन से हमारी बॉडी का प्रत्येक अंग प्रभावित होता हैं जिससे रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं.

मकरासन करने का सही समय (right time to do makarasana)

किसी भी तरह के योग या आसान को करने का सबसे अच्छा समय सुबह का समय माना जाता हैं. प्राचीनकाल से ही योग गुरु और ऋषिमुनि योग के लिए सुबह के समय का चयन करते हैं. ऐसा माना जाता हैं कि सुबह समय में योग करने से ज्यादा फायदा मिलता हैं. अतः मकरासन करने का सही समय भी सुबह का रहता हैं.

लेकिन किसी कारणवश आपको सुबह समय नहीं मिल पता हैं तो आप भोजन के 3-4 घण्टों के बाद रात्रि के समय भी कर सकते हैं. ऐसा नहीं हैं कि रात्रि में मकरासन करने से इसका कोई फायदा नहीं मिलता हैं, निश्चित तौर पर फायदा मिलता हैं लेकिन सुबह की अपेक्षा कम.

मकरासन करने का सही तरीका या विधि (The right way or method to do Makarasana)

चाहे कोई भी योग हो या आसान यदि इसे सही तरीके से किया जाए तो शरीर को बहुत फायदा मिलता हैं. अतः मकरासन का भी फायदा तभी मिलेगा जब इसे सही तरीके से किया जाए. यहाँ हम स्टेप बाई स्टेप मकरासन करने का सही तरीका या विधि जानेंगे-

[1] मकरासन को करने के लिए सबसे पहले खुली जगह का चयन करें, ऐसा करने से आप अच्छा महसूस करोगे जो कि किसी भी योग या आसान के लिए जरुरी हैं. 

[2] अब आपको एक चटाई या योगा मैट बिछाकर पेट के बल लेट जाना हैं.

[3] अब अपनी दोनों कोहनियों को जमीन पर टिकायें और बॉडी को रिलैक्स रखें

[4] इसके बाद बिना कोहनी को उठाये सर और कंधों को ऊपर की ओर उठाना और ठोड़ी को हथेलियों पर रखना हैं लेकिन ध्यान रहे दोनों कोहनियाँ जमीन पर टिकी रहे.

[5] ऐसा करते समय यदि कमर और गर्दन पर ज्यादा दबाव पड़ता हैं तो आप कोहनियों को थोड़ा सा फैला सकते हैं.

[6] आप अपने हिसाब से कोहनियों को ऐसे रख सकते हैं जिससे कि आपकी गर्दन और कमर पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ें।

[7] अब आप पूरी तरह से मकरासन की मुद्रा में आ चुके हैं.

[8] इस आसन का अच्छा अभ्यास कर लेने के पश्चात् आप अपनी गर्दन, कंधों और पैरों को बिना हथेलियों की मदद से ऊपर उठाये।

[9] आँखें बंद करें और पुरे शरीर को शिथिल छोड़ दें, अब पुनः सामान्य स्थिति में आ जाए. इन 9 स्टेप्स को फॉलो करके आप आसानी के साथ मकरासन योग कर सकते हैं. मकरासन योग की यह विधि बहुत आसान हैं.

मकरासन किसे नहीं करना चाहिए? (Who should not do Makarasana)

मकरासन हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण योग हैं लेकिन हर स्थिति में इसे नहीं किया जा सकता हैं. जिन लोगों की पीठ में चोट लगी हो, गर्दन में कोई दर्द हो तो मकरासन योग नहीं करना चाहिए।

मकरासन योग करते समय रखी जाने वाली सावधानियाँ/मकरासन योग के नुकसान

मकरासन योग करते समय निम्नलिखित सावधानियाँ (Precautions to be taken while doing Makarasana Yoga) रखनी चाहिए ताकी किसी भी तरह के साइड इफ़ेक्ट से बचा जा सकें-

[1] चोट या दर्द की स्थिति-

अगर आपकी गर्दन, कमर या पीठ में दर्द हैं या कोई पुरानी चोट लगी हुई हैं मकरासन नहीं करना चाहिए। चोट या दर्द की स्थिति में मकरासन का अभ्यास करने से बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता हैं.

[2] अन्य बीमारी-

अगर आप किसी भी तरह की बीमारी से ग्रस्त हैं या आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं हैं तो बिना विशेषज्ञ की सलाह के यह योग नहीं करें।

[3] बॉडी को सीधा रखें-

मकरासन करते समय बॉडी को सीधा रखना बहुत जरुरी हैं क्योंकि यदि ऐसा नहीं किया जाए तो खिंचाव की समस्या हो सकती हैं और चोट लगने के चांस भी बढ़ जाते हैं.

[4] योग से पहले तनाव रहित रहना-

मकरासन योग करते समय यह सावधानी भी रखें कि यदि आप तनावग्रस्त हैं या आपका दिमाग शांत नहीं हैं तो इसका फायदा नहीं मिलेगा।

[5] शांत जगह का चयन-

मकरासन योग में शांत वातावरण का होना बहुत जरुरी हैं. शोरगुल वाली जगह पर दिमाग एकाग्र नहीं हो पाता हैं और इसका बिल्कुल भी फायदा नहीं मिलता हैं.

[6] मोटापा या उच्च रक्तचाप-

अगर आप मोटापे से ग्रसित हैं या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हैं तो मकरासन योग से बचना चाहिए।

अतः आपको मकरासन योग करते समय उपरोक्त सावधानियाँ रखनी जरुरी हैं.

मकरासन योग के फायदे (Makarasana Benefits In Hindi)

मकरासन योग के बहुत फायदे हैं खासकर मानसिक रोग जैसे बैचेनी, माइग्रेन और तनाव को दूर करने में मदद मिलती हैं. यहाँ पर हम विस्तृत रूप से मकरासन योग के फायदे के बारे में जानेंगे-

[1] अनिद्रा का समाधान-

यह योग करने से अनिद्रा की समस्या दूर होती हैं और अच्छी नींद आती हैं. अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए यह एक रामबाण योगासन हैं.

[2] थकान को दूर करता हैं-

यह आसान गर्दन की अकड़न को कम करता हैं साथ ही पीठ की मांस पेशियाँ रिलैक्स हो जाती हैं जिसके कारण बॉडी की थकान एक दम दूर हो जाती हैं.

[3] कब्ज दूर करें-

मकरासन पेट की मांस पेशियों को टोन करता हैं और कब्ज की समस्या से निजात दिलाता हैं. पेट की समस्या से परेशान लोगों के लिए भी यह फायदेमंद हैं.

[4] जोड़ो के दर्द में उपयोगी-

अगर आप पैर, कंधे , कोहनी या घुटनों में जोड़ो के दर्द से परेशान हैं तो मकरासन योग करने से फायदा मिलता हैं।

[5] दिल की बीमारी और अस्थमा से राहत-

मकरासन करते समय गहरी साँस ली जाती हैं छोड़ी जाती हैं जिससे दिल की बिमारियों में राहत मिलती हैं साथ भी अस्थमा भी ठीक होता हैं.

[6] दिमाग शांत रहता है और एकाग्रता बढ़ती हैं-

मकरासन करने से दिमाग एकदम शांत हो जाता हैं जिसके कारण एकाग्रता बढ़ती हैं. स्टूडेंट यदि इस आसान को नियमित रूप से करें तो पढ़ाई  में मदद मिलती हैं, कोई भी चीज़ आसानी से समझ में आ जाती हैं और ज्यादा समय तक याद रहती हैं.

[7] पीठ दर्द को कम करता हैं-

नियमित रूप से मकरासन करने से पीठ दर्द में राहत मिलती हैं. इससे रीढ़ की हड्डी लचीली बनती हैं और उसमें तनाव कम होता हैं. स्लिप डिस्क को ख़त्म करता हैं. कन्धों और रीढ़ की हड्डी की मांस पेशियों में तनाव घटाता हैं. यह मकरासन योग का सबसे बड़ा फायदा हैं.

[8] हाईपरटेंशन से मुक्ति-

जो लोग नियमित मकरासन करते हैं उन्हें मानसिक रोगों और हाईपरटेंशन से छुटकारा मिलता हैं.

[9] स्पॉन्डिलाइटिस की बीमारी से निजात-

नियमित रूप से मकरासन करने वालों को स्पॉन्डिलाइटिस नामक बीमारी से राहत मिलती हैं. बॉडी के छोटे-छोटे विकारों के साथ-साथ साइटिका की प्रॉब्लम को भी इस योग से दूर किया जा सकता हैं.

[10] तरोताजा फील होता हैं-

नियमित तौर पर मकरासन योग करने वाले लोग दिनभर ताजगी से भरे रहते हैं. 

मकरासन योग से सम्बंधित बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्न और उत्तर

[1] मकरासन किसे नहीं करना चाहिए?

उत्तर- गर्भवती महिलाओं, रीढ़ की हड्डी या कन्धे में चोट वाले व्यक्ति या जिसे पीठ में दर्द हो उन्हें मकरासन नहीं करना चाहिए।

[2] मकरासन से क्या फायदा है?

उत्तर- मकरासन करने से अनिद्रा, थकान, डिप्रेशन, माईग्रेन, हाईपरटेंशन, उच्च रक्तचाप, स्पॉन्डिलाइटिस, दिल की बिमारियों और अस्थमा में फायदा मिलता हैं.

[3] मकरासन कब करें?

उत्तर- मकरासन करने का सबसे अच्छा समय सुबह का हैं लेकिन आप भोजन के 3-4 घंटों बाद रात्रि में भी कर सकते हैं.

[4] मकरासन को इंग्लिश में क्या कहते हैं?

उत्तर- मकरासन को इंग्लिश में “Makarasana Yoga” के नाम से जाना जाता हैं.

[5] क्या मकरासन उच्च रक्तचाप के लिए फायदेमंद है?

उत्तर- हाँ, मकरासन उच्च रक्तचाप के लिए फायदेमंद है.

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