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Earphone vs Headphone में से कानों के लिए अच्छा कौन?

Earphone vs Headphone-

क्या ईयरफोन को ज्यादा देर तक कानों में लगाना खतरनाक है? ईयरफोन ज्यादा सही है या हेडफोन? अक्सर हम इन सवालों को लेकर चिंतित रहते हैं, क्योंकि यह आपकी सुनने की क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। यदि आप भी इन्हीं सवाल का जवाब खोज रहे हैं तो यह रिपोर्ट आपके लिए है। इस रिपोर्ट में हम आपको ईएनटी विशेषज्ञ डॉ रचना मेहता की राय बताने वाले हैं। डॉ. मेहता ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट के माध्यम से ईयरफोन और हेडफोन के कानों को होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार के बताया है। चलिए जानते हैं। Earphone vs Headphone

ईयरफोन ज्यादा बेहतर है या हेडफोन?

डॉ. मेहता के अनुसार, जब ईयरफोन को कान में डाला जाता है, तो यह कान के मैल को कान के अंदर गहराई तक धकेल सकता है, जिससे कान पूरी तरह बंद हो सकता है। डॉ. मेहता ने कहा कि ईयरफोन काम के अंदर तक पहना जाना है तो यह सीधे हमारे कान के ईयर कैनाल और ईयर ड्रम को प्रभावित कर सकता है, इसलिए ज्यादा तेज आवाज पर इसका इस्तेमाल दीर्घकालिक नुकसान का कारण बन सकता है। इसके अलावा, डॉ. मेहता ने कहा कि चूंकि ईयरफोन कानों को पूरी तरह से बंद कर देते हैं, यह नमी को भी लॉक कर देते हैं जिससे कानों नें संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।

ईयरफोन लगाने हो सकते हैं यह नुकसान
ईएनटी के एक दूसरे एक्सपर्ट डॉ. अमोल पाटिल का कहना है कि ईयरफोन का लगातार और तेज आवाज में इस्तेमाल काफी खतरनाक हो सकता है। ईयरफोन का तेज आवाज में और लंबे समय तक उपयोग से नॉइस इंडस्ट हियरिंग लॉस (एनआईएचएल) का खतरा बढ़ सकता है।

डॉ. पाटिल ने कहा कि इसके अलावा, शहरों में बढ़ते शोर का स्तर पहले से ही रिकमंडेड डब्ल्यूएचओ लिमिट से ऊपर है, जो लंबे समय तक ईयरफोन का उपयोग करने के कारण सुनने की क्षमता को खराब कर करता है।

तो क्या है सही तरीका?

डॉ मेहता के अनुसार, अगर आप कभी-कभार थोड़े समय के लिए ईयरफोन का इस्तेमाल करते हैं तो ठीक है। लेकिन अगर आप मीटिंग, लेक्चर या म्यूजिक के लिए लंबे समय तक ईयरफोन का इस्तेमाल करते हैं तो आपको ईयरफोन की जगह हेडफोन का इस्तेमाल करना चाहिए। 

आजकल चाहे गाना सुनना हो या फिर कोई मीटिंग अटेंड करना, हम इयरफोन या हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं, मगर इन दोनों का ज्‍यादा इस्‍तेमाल करना खतरनाक साब‍ित हो सकता है। दरअसल इन दोनों का ही ज्यादा इस्तेमाल हमें हियरिंग लॉस की परेशानी से प्रभावित कर सकता है, लेकिन काम के चलते कई लोग हेडफोन या इयरफोन का इस्‍तेमाल करते हैं।

ऐसे में लोगों के मन में अक्सर सवाल रहता है कि आखिर दोनों में से किसका इस्तेमाल करना ज्यादा सुरक्षित है, तो चलिए एक्सपर्ट्स से समझते हैं क‍ि इन दोनों में से कौन सी चीज कानों की हेल्थ के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकती है। इन सभी सवालों के जवाब जान लेते हैं, यहां।

क्‍या है सही? ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. रचना मेहता ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर वीडियो शेयर किया है। इसमें उन्होंने बताया है कि जब कानों के अंदर पहने जाने वाले इयरफोन और कानों पर पहने जाने वाले हेडफोन्स को चुनने की बात आए, तो हेडफोन बेहतर विकल्प है। उन्‍होंने अपने पोस्‍ट पर बताया क‍ि – हेडफोन, इयरफोन से इसलिए बेहतर है क्योंकि ये इयरफोन की तरह केनाल के अंदर नहीं जाते, बल्कि बाहर की तरफ से कान को ढकते हैं। जबकि इयरफोन केनाल के अंदर डालते हैं, जिससे कान में मौजूद वैक्स का गहराई में उतरकर कानों में ब्लॉकेज का खतरा रहता है। – इयरफोन , हेडफोन के मुकाबले कई गुना ज्यादा हमारे कानों को बुरी तरह प्रभावित करते हैं। इयरफोन से सीधे हमारे कानों के पर्दों पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में जितनी अधिक वॉल्यूम होगी, उतना ज्यादा नुकसान हमारे कानों को पहुंचेगा। – हेडफोन के मुकाबले इयरफोन पहनने से कानों में संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। इसके पीछे की वजह है कान बंद होने के बाद इसमें मौजूद नमी। ऐसे में हेडफोन ज्यादा बेहतर विकल्प है।

मुंबई के नानावटी मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में ईएनटी और स्पाइन सर्जरी यूनिट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अमोल पाटिल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इयरफोन के लगातार और लंबे समय तक इस्तेमाल से नॉइस इंड्यूस्ड हियरिंग लॉस (NIHL) का खतरा बढ़ जाता है। शहरों में शोर का स्तर पहले से ही डब्ल्यूएचओ सीमा से ऊपर होता है, जिसकी वजह से लंबे समय तक इयरफोन का उपयोग करने से सुनने की क्षमता खराब हो सकती है। अगर आप कभी-कभार थोड़े समय के लिए इयरफोन का इस्तेमाल करते हैं तो ठीक है, लेकिन अगर आप मीटिंग, लेक्चर या म्यूजिक के लिए लंबे समय तक इयरफोन का उपयोग करते हैं, तो हेडफोन लगाना बेहतर है.

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